हीरक जयंती समारोह में पूर्व अधिकारियों ने बीते दिनों को किया याद

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हीरक जयंती समारोह में पूर्व अधिकारियों ने बीते दिनों को किया याद


हीरक जयंती समारोह में पूर्व अधिकारियों ने बीते दिनों को किया याद


हीरक जयंती समारोह में पूर्व अधिकारियों ने बीते दिनों को किया याद


हीरक जयंती समारोह में पूर्व अधिकारियों ने बीते दिनों को किया याद


देहरादून, 09 फरवरी (हि.स.)। आईएमए में आयोजित 24 वें कोर्स हीरक जयंती समारोह में देश के विभिन्न हिस्सों से आए पूर्व अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बिताए दिनों को याद किया। इन पूर्व अधिकारियों को सेवा के दौरान बहादुरी और विशिष्ट सेवा के लिए कई उत्कृष्ट सम्मान और पुरस्कार मिल चुके हैं। अब वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं लेकिन राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।

भारतीय सैन्य अकादमी में 09-10 फरवरी को 33 नियमित (24 एनडीए) कोर्स, 3 ओटीजी, एसएसआरसी और आपातकालीन कमीशन के 20 अधिकारी हीरक जयंती पुनर्मिलन और संस्थान के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए एकत्र हुए। जिसने उन्हें 1964 में भारतीय सेना के वीर योद्धाओं में बदल दिया। 60 साल पहले 09 फरवरी 1964 को कुल 1192 कैडेट भारतीय सैन्य अकादमी से पास हुए और भारतीय सेना के अधिकारी बने।

समारोह की शुरुआत युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि के साथ हुई। तीनों सेनाओं के अधिकारियों की एकजुटता के प्रतीक के रूप में और 1965 एवं 1974 के दो युद्धों तथा कारगिल, नाथू ला, चो ला में दुश्मन सेना के खिलाफ लड़ाइयों के दौरान अपने प्राणों की आहुति देने वाले अपने बहादुर साथियों को सम्मान देने के लिए एयर कमोडोर पीटर पिंटो ने कोर्स की ओर से युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

2001 से 2003 तक भारतीय सैन्य अकादमी के कमांडेंट रहे लेफ्टिनेंट जनरल टीएस शेरगिल (सेवानिवृत्त) को भी इस कोर्स के साथ कमीशन प्राप्त हुआ था और वे भी इस पुनर्मिलन कार्यक्रम में उपस्थित थे।

लेफ्टिनेंट जनरल टीएस शेरगिल ने उल्लेख किया कि फरवरी में पास आउट होने वाले कोर्स दुर्लभ हैं। वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें इस कोर्स के 1192 कैडेट्स की पासिंग आउट परेड को 09 फरवरी 1964 को कमान करने का मौका मिला था।

भारतीय सैन्य अकादमी के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल संदीप जैन, सेना मेडल ने दिग्गजों को चाय के लिए आमंत्रित किया, जहां उन्हें और आईएमए में तैनात अन्य अधिकारियों को दिग्गजों के साथ बातचीत करने और उनके युद्ध प्रसंगों को सुनने का अवसर मिला। डायमंड जुबली पुनर्मिलन दो दिनों तक मनाया जाएगा। जिसमें विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश

/संजीव

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