बीएल वर्मा का एलआईसी एजेंट से केंद्रीय मंत्री बनने का सफर आसान नहीं रहा

बीएल वर्मा का एलआईसी एजेंट से केंद्रीय मंत्री बनने का सफर आसान नहीं रहा
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बीएल वर्मा का एलआईसी एजेंट से केंद्रीय मंत्री बनने का सफर आसान नहीं रहा


लखनऊ, 9 जून (हि.स.)। बदायूं के रहने वाले बीएल वर्मा उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। वर्मा मोदी की पिछली सरकार में सहकारिता राज्य मंत्री और उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। उन्हें अमित शाह का काफी करीबी माना जाता है।

अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेताओं में शुमार किए जाने वाले वर्मा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोधी समुदाय से आते हैं और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का नजदीकी माना जाता है। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष बनने के बाद वह राज्यसभा के सदस्य बने। बता दें कि साल 2021 में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में बीएल वर्मा को जगह मिली थी। बीएल वर्मा को राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया था।

वर्ष 1980 में भाजपा में जिला कार्य समिति सदस्य से राजनैतिक जीवन का सफर शुरू करने वाले बीएल वर्मा आज केंद्रीय मंत्रीमंडल तक पहुंचे हैं। उनकी कामयाबी से गांव से लेकर उझानी तक उत्सव का माहौल है। वर्ष 1961 में उझानी ब्लाॅक के छोटे से गांव ज्यौरा पारवाला में जन्मे बीएल वर्मा ने गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में कक्षा से एक पांचवी तक की पढ़ाई की। कछला के राधे लाल इंटर कॉलेज में कक्षा छह से इंटर तक की पढ़ाई की। बाद में शहजहांपुर डिग्री कॉलेज से स्नानतक पर स्नातक की पढ़ाई पूरी कर उझानी आकर किराए के मकान में रहने लगे। जीविका चलाने के लिए बीमा कंपनी एलआईसी के एजेंट बन गए।

बीएल वर्मा वर्ष 1979 में संघ के स्वयंसेवक बने, 1980 में भाजपा की सदस्यता ली तो उन्हें जिला कमेटी का सदस्य बनाया गया। 1984 में भाजपा जिला युवा कमेटी के महामंत्री बने। 1990 के दशक में उन्हें प्रदेश मंत्री बनाया गया। 1996 में भाजपा प्रदेश युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री का दायित्व मिला। वर्ष 2003 से लगातार प्रदेश मंत्री पद का दायित्व संभाला। वर्ष 2009 में बाबू कल्याण सिंह भाजपा से अलग हुए तो वे साथ चले गए। बाबूजी ने जन क्रांति पार्टी नाम से नई राजनैतिक पार्टी बनाई। इसके वे वर्ष 2009 से 2012 तक प्रदेश अध्यक्ष रहे।

2013 में जनक्रांति पार्टी का भाजपा में विलय होने पर वह भाजपा रुहेलखंड के क्षेत्रीय अध्यक्ष बने। वर्ष 2016 में ब्रज के क्षेत्रीय अध्यक्ष बने। 2018 में प्रदेश उपाध्यक्ष व सिडको के चेयरमैन दर्जा राज्य मंत्री बनाए गए। 2019 में पार्टी के निर्देश पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री पद का दायित्व भी संभाला। वर्ष 2020 में पार्टी ने राज्यसभा सांसद बनाया। मार्च 2021 में पार्टी ने भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद का दायित्व सौंपा। वर्तमान में वह पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रभारी व उत्तराखण्ड के प्रभारी का दायित्व संभाल रहे हैं।

हालांकि इस बार बदायूं सीट बीजेपी नहीं जीत पाई है। इसके बाद भी ओबीसी समुदाय को अपने साथ बनाए रखने के लिए वर्मा को मंत्री बनाया गया है। माना जा रहा है कि इस बार के चुनाव में उत्तर प्रदेश में ओबीसी वोटों में बंटवारा हुआ है। इसे ही सपा की जीत का प्रमुख कारण माना जा रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. आशीष वशिष्ठ/राजेश/प्रभात

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