नॉर्वे-इंडिया पार्टनरशिप इनिशिएटिव की वार्षिक बैठक, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने को लेकर जताई प्रतिबद्धता

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नॉर्वे-इंडिया पार्टनरशिप इनिशिएटिव की वार्षिक बैठक, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने को लेकर जताई प्रतिबद्धता


नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने शुक्रवार को नॉर्वे-इंडिया पार्टनरशिप इनिशिएटिव (एनआईपीआई) की वार्षिक बैठक की अध्यक्षता की। निर्माण भवन में आयोजित इस बैठक की सह-अध्यक्षता भारत में नॉर्वे की राजदूत एच.ई. मे-एलिन स्टेनर ने की। बैठक का उद्देश्य एनआईपीआई प्रगति रिपोर्ट 2025 की समीक्षा और अनुमोदन करना तथा पहल के चरण-4 के अंतर्गत वर्ष 2025–26 की बजट-आधारित कार्ययोजना को मंजूरी देना था। बैठक में इस पहल के तहत विकसित सर्वोत्तम प्रथाओं को अन्य देशों या क्षेत्रों में साझा करने को लेकर भारत ने प्रतिबद्धता जताई।

अपने संबोधन में पुण्य सलीला श्रीवास्तव ने कहा कि एनआईपीआई यह दर्शाता है कि कैसे प्रयासों का एकीकरण सार्थक परिणाम दे सकता है। भारत सरकार भी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ समन्वय में कार्य कर रही है ताकि संपूर्ण शासन दृष्टिकोण के माध्यम से वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकें।”

उन्होंने कहा कि भारत नवाचार के लिए एक उपयुक्त भूमि है और इस पहल के तहत विकसित सर्वोत्तम प्रथाओं को अन्य देशों या क्षेत्रों में साझा करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।

स्वास्थ्य सचिव ने इस पहल के तहत विकसित भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक- ओपन डेटा किट उपकरण के महत्व पर भी प्रकाश डाला। यह उपकरण राज्यों को आवश्यक मानकों को प्राप्त करने के लिए अंतराल की शीघ्र पहचान और लक्षित सहायता प्राप्त करने में मदद करता है। उन्होंने अपने संबोधन का समापन इस साझेदारी के प्रति स्वास्थ्य मंत्रालय की सराहना और इसके साथ निरंतर सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए किया।

इस अवसर पर नॉर्वे की राजदूत एच.ई. मे-एलिन स्टेनर ने कहा कि आने वाला वर्ष इस साझेदारी के 20 वर्ष पूरे होने का प्रतीक होगा। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से कई नवाचारपूर्ण और उत्प्रेरक हस्तक्षेप हुए हैं, जिनसे उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त हुए हैं।

राजदूत ने यह भी बताया कि भारतीय सरकार ने इस पहल के तहत नॉर्वे द्वारा किए गए निवेश की तुलना में 26 गुना अधिक निवेश किया है, जो इस सहयोग के महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “भारत के विकसित देश बनने की ओर अग्रसर है और यह जमीनी स्तर पर किए जा रहे कार्यों में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता भारत की समग्र प्रगति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 2006 से इस साझेदारी की शुरुआत के बाद से भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार हुए हैं।”

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव अराधना पात्रनायक, संयुक्त सचिव मीरा श्रीवास्तव, नॉर्वे दूतावास के काउंसलर आर. नागोडा, वरिष्ठ सलाहकार उंडिस वत्वेड सिंग, एनआईपीआई कार्यक्रम निदेशक डॉ. अशफाक भट, और एनआईपीआई समर्थित राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों -राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, मध्य प्रदेश एवं बिहार- के स्वास्थ्य सचिव, मिशन निदेशक, तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

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