उत्तर पूर्वी महोत्सव 13 जनवरी से 17 जनवरी तक होगा आयोजित
नई दिल्ली, 04 जनवरी (हि.स.)। पूर्वोत्तर राज्यों की अनूठी कला संस्कृति के साथ-साथ वहां के हस्तकला और शिल्पकला को दिल्लीवासी एक मंच पर देख सकेंगे। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय 13 जनवरी से भारत मंडपम में 'उत्तर पूर्वी महोत्सव' का आयोजन करने जा रहा है। यह महोत्सव 17 जनवरी तक चलेगा। चार दिवसीय आयोजन में उत्तर पूर्व आठ राज्यों के शिल्पकार, कलाकार भाग लेंगे। इस महोत्सव में प्रवेश नि:शुल्क होगा।
गुरुवार को मीडिया सेंटर में उत्तर पूर्वी महोत्सव पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के सचिव चंचल कुमार ने बताया कि मंत्रालय पहली बार अनूठा महोत्सव करने जा रहा है, जिसमें आठ राज्यों से लगभग 250 से अधिक हस्तशिल्पकार, हस्तकरघा क्षेत्र से जुड़े लोग, लोक कलाकार भाग ले रहे हैं। इस महोत्सव में इन राज्यों के 13 जीआई टैग के हैंडलूम और बुनकर भाग ले रहे हैं। इसके साथ उत्तरपूर्वी राज्यों के व्यंजनों का भी लुत्फ उठाने का मौका मिलेगा।
चंचल कुमार ने बताया कि पहली बार आयोजित होने वाले इस महोत्सव में लोग आठ से अधिक हैंडीक्राफ्ट आइटम को लाइव बनता देख सकेंगे। इस आयोजन में युवाओं के साथ संवाद का विशेष सत्र रखा गया है। इसके साथ पूर्वोत्तर राज्यों के ग्रामीण अंचल के गीत संगीत के बैंड ग्रुप भी रोजाना अपनी प्रस्तुति देंगे। दो फैशन शो का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब यह हर साल आयोजित किया जाएगा।
उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम के महानिदेशक आरके सिंह ने बताया कि इस महोत्सव में पूर्वोत्तर राज्यों की हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए यह महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इसमें व्यापार के साथ लोग पूर्वोत्तर की संस्कृति को करीब से देखने का मौका मिलेगा। बांस से बनी चीजों के साथ इन्हें बनाते हुए कलाकारों से भी दिल्ली वासी रूबरू हो सकेंगे। इसके साथ पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वहां के टूरिज्म क्षेत्र को भी लोग बेहतर तरीके से समझ सकेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/विजयलक्ष्मी/आकाश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।