मनी लांड्रिंग के आरोपित नितिन टिबरेवाल व अमित अग्रवाल पांच दिनों के लिए ईडी हिरासत में

मनी लांड्रिंग के आरोपित नितिन टिबरेवाल व अमित अग्रवाल पांच दिनों के लिए ईडी हिरासत में
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मनी लांड्रिंग के आरोपित नितिन टिबरेवाल व अमित अग्रवाल पांच दिनों के लिए ईडी हिरासत में


रायपुर, 13 जनवरी (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव ऑनलाइन बुक के संचालन में मनी लांड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार नितिन टिबरेवाल और अमित अग्रवाल को पीएमएलए विशेष न्यायालय, रायपुर के समक्ष पेश किया। अदालत ने दोनों आरोपितों को 17 जनवरी तक 5 दिनों के लिए ईडी हिरासत में भेज दिया है।

ईडी ने शनिवार को जारी की गई जानकारी में बताया है कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 12 जनवरी को नितिन टिबरेवाल और अमित अग्रवाल को गिरफ्तार किया है।

ईडी ने बताया है कि छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। इसके बाद, विशाखापत्तनम पुलिस और अन्य राज्यों द्वारा दर्ज की गई अन्य एफआईआर को भी रिकॉर्ड पर लिया गया। मेसर्स महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के एक स्तरित वेब के माध्यम से धन की हेराफेरी करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म की व्यवस्था करता है।

ईडी की जांच से पता चला कि नितिन टिबरेवाल मेसर्स टेकप्रो आईटी सॉल्यूशंस लिमिटेड के बहुसंख्यक शेयरधारक हैं। यह कंपनी महादेव ऑनलाइन बुक के लिए फ्रंट के रूप में काम कर रही थी और विदेशी माध्यम से भारत में अवैध संचालन से उत्पन्न अपराध की आय का निवेश कर रही थी।

नितिन टेबरीवाल ने कई अवसर दिए जाने के बावजूद इस तथ्य को छुपाने की कोशिश की। उन्होंने ईडी के सामने अपने विदेशी बैंक खातों और संपत्तियों का भी खुलासा नहीं किया, जिन्हें ईडी ने जांच के दौरान खोजा है। इस प्रकार, नितिन टेबरीवाल को जानबूझकर अपराध की आय को अपने नाम पर और संबंधित भारतीय और विदेशी संस्थाओं के माध्यम से निवेश करके सहायता प्रदान करते हुए पाया गया।

ईडी की जांच में पता चला कि अमित अग्रवाल, अनिल कुमार अग्रवाल का भाई है जो महादेव ऑनलाइन बुक में पार्टनर भी है। अमित अग्रवाल ने जानबूझकर महादेव ऑनलाइन बुक से प्राप्त अपराध की आय का उपयोग अपने और अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति खरीदने में किया है। इन खरीदियों के वित्तपोषण के लिए, अमित अग्रवाल ने कुल रु. की प्रविष्टियों की व्यवस्था की। उनके और उनकी पत्नी के बैंक खातों में नकदी के बदले 2.5 करोड़ रुपये हैं। निदेशालय के समक्ष दर्ज किए गए बयानों में, उन्होंने कहा कि ये बैंक प्रविष्टियाँ ऋण हैं, हालाँकि, लेनदेन में शामिल एंट्री ऑपरेटर ने सच्चाई का खुलासा किया। इस प्रकार, अमित अग्रवाल को जानबूझकर महादेव ऑनलाइन बुक के सट्टेबाजी संचालन से होने वाले अपराध की आय को छिपाने में सहायता करते हुए पाया गया।

इस मामले में तलाशी के दौरान 572.41 करोड़ जब्त किए गए हैं। दो अनंतिम कुर्की आदेश जारी किए गए हैं, जिनमें चल और अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं। इस मामले में गिरफ्तार आरोपितों की कुल संख्या आठ हो गई है।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा/संजीव

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