नागपुर अदालत ने ब्रह्मोस मिसाइल जासूसी में वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा सुनाई

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नागपुर अदालत ने ब्रह्मोस मिसाइल जासूसी में वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को उम्रकैद की सजा सुनाई


- निशांत अग्रवाल को 2018 में उज्जवलनगर इलाके से किया गया था गिरफ्तार

नागपुर, 03 जून (हि.स.)। ब्रह्मोस मिसाइल तकनीक की जासूसी करने वाले वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को नागपुर की एक अदालत ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले निशांत अग्रवाल को 2018 में नागपुर के उज्जवलनगर इलाके से गिरफ्तार किया गया था।

वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल उत्तराखंड के रूडकी का रहने वाला था। निशांत ने एनआईटी, कुरूक्षेत्र से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। पढ़ाई में मेधावी निशांत को 2014 में नागपुर में ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट में नौकरी मिल गई। वह ब्रह्मोस मिसाइल यूनिट के हाइड्रोलिक-न्यूमेटिक्स और वॉरहेड इंटीग्रेशन विभाग के 40 लोगों की एक टीम का नेतृत्व करता था। यूनिट ने 2017-18 में निशांत को यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था। निशांत ब्रह्मोस के सीएसआर, आर एंड डी ग्रुप का सदस्य भी था। गिरफ्तारी के समय निशांत अग्रवाल ब्रह्मोस नागपुर और पिलानी साइटों की परियोजनाओं की देखरेख कर रहा था। निशांत नागपुर हवाई अड्डे के पास बस्ती उज्जवलनगर में मनोहर काले के यहां किराये पर रहता था।

इसी बीच निशांत पाकिस्तान के हनीट्रैप में फंस गया और वह पाकिस्तान के लिए जासूसी करने लगा। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने 2018 की शुरुआत में एक आईएसआई एजेंट को हिरासत में लिया था। उससे पूछताछ में निशांत अग्रवाल का नाम सामने आया। इसकी सूचना मिलिट्री इंटेलिजेंस को दी गई। इसके बाद यूपी एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीमें निशांत अग्रवाल के बारे में जानकारी जुटाने में लग गईं। निशांत फेसबुक पर पाकिस्तानी महिला मित्रों से डीआरडीओ और ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में जानकारी साझा कर रहा था। यह जानकारी आईएसआई से लेकर अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए तक पहुंचाई जा रही थी।

निशांत के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद उत्तर प्रदेश एटीएस, महाराष्ट्र एटीएस और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने संयुक्त रूप से निशांत के नागपुर स्थित घर पर छापेमारी की। रुड़की स्थित उसके पैतृक आवास पर भी छापा मारा गया। जांच एजेंसियों को निशांत के पास से जब्त लैपटॉप में मिसाइल तकनीक से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज मिले थे। संयुक्त टीमों ने निशांत के रुड़की स्थित घर, ब्रह्मोस की नागपुर यूनिट और नागपुर स्थित घर की तलाशी ली।

निशांत के फेसबुक अकाउंट से पता चला कि पूजा रंजक और नेहा शर्मा नाम के दो संदिग्ध फेसबुक अकाउंट निशांत की फ्रेंड लिस्ट में थे। ये दोनों अकाउंट पाकिस्तान से संचालित किए जाते थे। इसके बाद निशांत को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में मामला नागपुर जिला न्यायाधीश क्रमांक-1 देशपांडे की अदालत में चल रहा था। अदालत ने मार्च, 2023 मे निशांत को जमानत भी दे दी थी। अदालत ने आज विशेष लोक अभियोजक ज्योति वजानी के सबूतों के साथ लगाए आरोप और दलीलों को स्वीकार करते हुए निशांत अग्रवाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

हिन्दुस्थान समाचार/मनीष//सुनीत

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