(अपडेट) पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल मामले में एनआईए ने मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में की छापेमारी
भोपाल, 26 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों से गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल के आतंकियों को राष्ट्रीय इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को पकड़ा है। ये पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं से ही सिर्फ बात नहीं करते थे बल्कि अन्य इस्लामिक देशों में भी यह भारत को कमजोर करने, उसे बर्बाद कर देने की मंशा रखते हुए बातें किया करते थे। गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल को लेकर एनआईए ने मध्यप्रदेश के देवास जिले में भी रेड मारी है।
उल्लेखनीय है कि इस मामले को पहली बार सामने आए एक साल से अधिक समय बीत चुका है। जब एनआईए ने बिहार के पटना के फुलवारी शरीफ से गजवा-ए-हिंद के सपने को साकार करने के लिए काम करने वाले मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर अहमद को पकड़ा था जोकि आतंकी गतिविधियों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अपने अनुसंधान में मरगूब दानिश के खिलाफ राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के साथ ही धर्म व जाति के नाम पर समाज में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ कर अराजकता और वैमनस्यता फैलाने के आरोप को सच पाया।
फुलवारी शरीफ से गिरफ्तार मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर के कनेक्शन कतर के अल्फाल्ही संगठन से होने की भी जानकारी मिली थी। पुलिस की छानबीन में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि अल्फाल्ही संगठन से उसे क्रिप्टो करेंसी के रूप में फंडिंग मिली थी। उसके बाद इस मामले में तभी अन्य आठ लोगों को भी अलग-अलग जगहों से पकड़ा गया था, उनसे की गई पूछताछ के बाद अभी तक एक के बाद एक राज खुल रहे हैं, जिसमें अब एक बार फिर से एनआईए ने इस मामले में नए आतंकियों को धर दबोचा है। इस संबंध में एनआईए ने सोशल मीडिया के एक्स पर बताया कि उसने रविवार को पाकिस्तान समर्थित गजवा-ए-हिंद मॉड्यूल मामले में कई राज्यों में एक साथ छापे मारे। इस दौरान अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं। छापेमारी में उन संदिग्धों के पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ संबंधों का भी पता चला जिनके परिसरों की आज तलाशी ली गई। ये संदिग्ध संचालकों के संपर्क में थे और गजवा-ए-हिंद के कट्टरपंथी, भारत-विरोधी विचार का प्रचार-प्रसार करने में शामिल थे।
यहां से मिल सकती है पूरी जानकारी https://x.com/NIA_India/status/1728767535481270485?s=20
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बताया कि यह छापेमारी आज मध्यप्रदेश के देवास जिला, गुजरात के गिर सोमनाथ, उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और केरल के कोझिकोड जिला में संदिग्धों के परिसरों पर की गई। एनआईए की टीम रविवार को देवास जिले सतवास पहुंची और यहां लियाकत पुत्र इदु के घर दबिश दी। तीन सदस्यीय टीम ने यहां से कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए। एनआईए की टीम ने लियाकत को हिरासत में लेकर करीब चार घंटे उससे पूछताछ की और बाद में उसे मुख्यालय में हाजिर होने का नोटिस देकर छोड़ दिया। एनआईए के अधिकारियों ने लियाकत का मोबाइल भी जब्त किया है। अन्य जगहों से मोबाइल फोन और सिम कार्ड के अलावा, एनआईए की कार्रवाई के दौरान आरसी-32/2022/एनआईए-डीएलआई मामले में चल रही जांच के हिस्से के रूप में कई दस्तावेज भी जब्त किए, जिसे आमतौर पर गज़वा-ए-हिंद मामला, पटना (बिहार) के रूप में जाना जाता है। यह मामला शुरू में 14 जुलाई 2022 को बिहार के पटना जिले में फुलवारीशरीफ पुलिस द्वारा मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर की गिरफ्तारी के बाद एफआईआर संख्या 840/2022 के रूप में दर्ज किया गया था। मरगूब व्हाट्सएप ग्रुप गज़वा-ए-हिंद का एडमिन था, जिसे ज़ैन नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक ने बनाया था।
आतंकी कारनामों को अंजाम देने के जुर्म में एनआईए द्वारा पकड़ा गया मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर ने भारत के अलग-अलग क्षेत्रों समेत पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन समेत कई अन्य मुस्लिम देशों व युरोप के देशों के कई लोगों को समूह में जोड़ा था, जो टेलीग्राम और बीआईपी मैसेंजर जैसे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर भी सक्रिय रहते थे । यह ग्रुप दिनांक 13.03.2022 को एक पाकिस्तानी मोबाइल नम्बर- 923040128159 द्वारा बनाया गया। उक्त पाकिस्तानी नम्बर के धारक द्वारा ही ताहिर को एडमिन बनाया गया था। इस ग्रुप में 181 सदस्य जुड़े पाए गए जिसमें मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, यमन एवं अन्य इस्लामिक देश के लोग हैं जोकि आतंकियों के वीडियो पोस्ट करते थे। यह कश्मीर में आतंकी घटनाओं का न सिर्फ महिमा मंडन करते बल्कि मारे गये आतंकवादियों को शहीद का दर्जा देते और इस संबंधित पोस्ट मारे गए आतंकियों के समर्थन में पोस्ट करते थे।
एनआईए की जांच के अनुसार मरगूब भारत भर में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए स्लीपर सेल को खड़ा करने के एक गुप्त उद्देश्य से समूह के सदस्यों को प्रेरित करने की कोशिश कर रहा था। इसके अलावा, आरोपित ने बीडीगज़वा ए हिंदबीडी के नाम से एक और व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। इस ग्रुप के आईकॉन के रूप में भी भारत के नक्शे को हरा रंग से रंगकर उसपर पाकिस्तान का झंडा लगाया हुआ दिखलाया गया था। इसमें अंग्रेजी में लिखा Urge the Muslims of Bangladesh to prepare for the conquest of India यानी कि बांग्लादेश के मुसलमानों से भारत की विजय के लिए तैयारी करने का आग्रह करें। इनके द्वारा एक पोस्ट किया गया है, जिसमें भारत के नक्शे पर एक सफेद एवं काले रंग का झण्डा फहराते हुए दिखलाया गया है, जिसके बीच में उर्दू में अलजिहाद लिखा हुआ है। ऐसे कई देशविरोधी वक्तव्य एवं वीडियो एनआईए के हाथ लगे हैं।
भारत के क्षेत्र में गज़वा-ए-हिंद की स्थापना के नाम पर प्रभावशाली युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के उद्देश्य से, समूह को पाकिस्तान स्थित संदिग्धों द्वारा संचालित किया जा रहा था। साथ ही इसमें ये भारतीय लोकतंत्र को खत्म कर पूर्णतः इस्लामिक राज स्थापित कर खिलाफत लागू करने संबंधी पोस्ट किया करते थे। एनआईने छह जनवरी 2023 को आरोपी मरगूब अहमद दानिश के खिलाफ आईपीसी की धारा 121, 121ए, 122, यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 13, 18, 18बी और 20 के तहत आरोप पत्र दायर किया था । भारत को तोड़ने और गजवा-ए-हिन्द का सपना देख रहा आतंकी युवक ने बिहार में स्थानीय मदरसा से पढ़ाई की है और वर्तमान में स्थानीय बच्चों को उनके घर जाकर कुरान पढ़ाने का काम करता था । मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर के सोशल मीडिया गतिविधि की जांच की गई तो यह पता चला था कि यह जो गजवा-ए-हिन्द' ग्रुप चलाता है । इस ग्रुप के आईकॉन के रूप में भारत के नक्शा को हरा रंग से रंगकर उसपर पाकिस्तान का झंडा लगाया हुआ दिखलाया गया था। जिसमें कि ग्रुप डिस्क्रिप्शन में में लिखा गया This group provides information about Ghazwa-e-Hind and the persecution of all Muslims and also gives information about all the special events happening in the world. No wrong post। एनआईए की कड़ी पूछताछ के बाद यह साफ हो गया कि मरगूब अहमद दानिश उर्फ ताहिर के द्वारा सोशल मीडिया पर बनाए गए ग्रुप में किये जा रहे पोस्ट देश विरोधी हैं। इसके द्वारा भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश के अपने सोशल मीडिया साथियों से गजवा-ए-हिन्द माध्यम से भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने एवं कब्जा करने के लिए उकसाया जा रहा था। फिलहाल इस मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, कई नए संदिग्ध पकड़े जा रहे हैं, जो भारत को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी/प्रभात
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