किसान को मेट्रो में नहीं चढ़ने देने के मामले में एनएचआरसी ने कर्नाटक सरकार से मांगी रिपोर्ट

किसान को मेट्रो में नहीं चढ़ने देने के मामले में एनएचआरसी ने कर्नाटक सरकार से मांगी रिपोर्ट
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किसान को मेट्रो में नहीं चढ़ने देने के मामले में एनएचआरसी ने कर्नाटक सरकार से मांगी रिपोर्ट


नई दिल्ली, 28 फरवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने एक किसान को उसके गंदे कपड़ों के कारण मेट्रो ट्रेन में न चढ़ने देने के मामले में बुधवार को कर्नाटक सरकार और बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीएमआरसीएल) से रिपोर्ट मांगी है।

एनएचआरसी ने बुधवार को एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कर्नाटक सरकार के मुख्य सचिव और बीएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने इस प्रकार के कृत्य को मानव अधिकारों का उल्लंघन बताया है। आयोग ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को उसके पहनावे की प्रकृति के आधार पर लोक परिवहन तक पहुंच से वंचित नहीं किया जा सकता है। यदि किसी के पास कोई आपत्तिजनक सामग्री है तो उसे कानून के प्रावधानों के तहत ही रोका जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि 27 फरवरी को मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में कर्नाटक के बेंगलुरु के राजाजीनगर स्टेशन पर एक किसान मेट्रो स्टेशन के बैग चेकिंग प्वाइंट पर सिर पर सामान की बोरी लेकर खड़ा दिख रहा था। जब एक अधिकारी ने किसान को मेट्रो ट्रेन में चढ़ने से इसलिए रोक दिया क्योंकि उसके कपड़े गंदे थे। एक अन्य यात्री ने अधिकारी की हरकत पर आपत्ति जताई और उससे वह नियम दिखाने को कहा जिसके तहत मेट्रो यात्रियों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य है या क्या मेट्रो केवल वीआईपी लोगों के लिए ही है। उन्होंने घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/जितेन्द्र

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