कार्यभार संभालते ही नौसेना प्रमुख का 'आत्मनिर्भरता' को मजबूत करने पर जोर
- नौसेना को समुद्र में युद्ध जीतने के लिए हर समय परिचालन के लिए तैयार रहना चाहिए
नई दिल्ली, 30 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय नौसेना प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में भारतीय नौसेना के चल रहे प्रयासों को और भी मजबूत करने पर जोर दिया है। पिछले कुछ वर्षों में हमारी नौसेना युद्ध के लिए तैयार, एकजुट और विश्वसनीय के रूप में विकसित हुई है। उन्होंने कहा कि समुद्री क्षेत्र में मौजूदा और उभरती चुनौतियों को देखते हुए भारतीय नौसेना को समुद्र में युद्ध जीतने के लिए हर समय परिचालन के लिए तैयार रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना को ‘आत्मनिर्भर’ बनाने पर मेरा एकमात्र फोकस और प्रयास रहेगा। मैं नई तकनीकों को पेश करने और विकसित भारत के लिए 'आत्मनिर्भरता' की दिशा में भारतीय नौसेना के चल रहे प्रयासों को और भी मजबूत करूंगा। उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना का छब्बीसवां नौसेना अध्यक्ष बनने पर मुझे अत्यंत गर्व और सम्मान की अनुभूति हो रही है। मुझसे पहले पच्चीस नौसेना अध्यक्षों ने अपनी कर्मठता और समर्पण से हमारी नौसेना को युद्ध तत्पर, विश्वसनीय, सुगठित और भविष्य की ताकत बनाई है।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि मेरा प्रयास भारतीय नौसेना को आत्मनिर्भर, मजबूत और तकनीकी रूप से उन्नत सेवा बनाने का रहेगा। मेरी पूरी कोशिश रहेगी कि भारतीय नौसेना कभी भी, कहीं भी, कैसे भी हमारे देश के समुद्री हित और समुद्री रक्षा दोनों पर हरदम खरी उतरे। उन्होंने सभी भारतीयों को आश्वस्त किया कि आपकी नौसेना हरदम ‘राष्ट्र प्रथम’ के मंत्र का पालन करते हुए आपके साथ खड़ी है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम
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