अगले वित्त वर्ष में लागू की जाएगी नई 'इलेक्ट्रिक वाहन नीति' : रेखा गुप्ता
नई दिल्ली, 20 दिसंबर (हि.स.)।राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर को कम करने और परिवहन व्यवस्था को आधुनिक बनाने के लिए सरकार ने 'इलेक्ट्रिक वाहन नीति' का व्यापक खाका तैयार कर लिया है। इस ईवी नीति को अगले वित्तीय वर्ष से लागू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शनिवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा कि दिल्ली सरकार की ईवी नीति राजधानी के प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी प्रभावी भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि वाहनों से होने वाला धुआं भी प्रदूषण का एक बड़ा कारक है। हमारी सरकार की यह नीति केवल आर्थिक लाभ देने के लिए नहीं बल्कि दिल्ली को एक स्वच्छ भविष्य देने के लिए है। जब दिल्ली का हर नागरिक ईवी अपनाएगा, तो पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में सीधी गिरावट आएगी। हमारी सरकार इस पॉलिसी में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और सब्सिडी का ऐसा समावेश कर रही है जिससे दिल्ली न केवल देश की बल्कि दुनिया की 'ईवी राजधानी' बनकर उभरे। प्रदूषण के खिलाफ इस युद्ध में तकनीक और सरकारी सहयोग हमारे सबसे बड़े हथियार हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि भविष्य की नीति के अंतर्गत ईवी नीति में सरकार का प्राथमिक ध्यान वित्तीय प्रोत्साहन पर है। पेट्रोल-डीजल (आईसीई) वाहनों और इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों के बीच जो बड़ा अंतर है, उसे कम करने के लिए सरकार पर्याप्त सब्सिडी प्रदान करेगी। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने ईवी वाहन खरीदने के लिए रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क को पहले से ही समाप्त कर दिया है, जिससे नई गाड़ी खरीदना काफी सस्ता हो जाएगा।
मुख्यमंत्री का कहना है कि लोग अपने पुराने वाहनों के निपटान को लेकर चिंता जाहिर करते हैं कि अगर उन्होंने ईवी वाहन खरीद लिया जो उनके पुराने वाहनों का क्या होगा। मुख्यमंत्री के अनुसार इसके लिए हमारी सरकार ने पुराने वाहनों के लिए 'स्क्रैपिंग' प्लान बनाया है। सरकार प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए 'स्क्रैपिंग इंसेंटिव' योजना ला रही है। यदि कोई नागरिक अपना पुराना पेट्रोल या डीजल वाहन कबाड़ (स्कैप) करता है, तो उसे नया ईवी वाहन खरीदने पर अतिरिक्त आर्थिक लाभ मिलेगा। यह सिस्टम दिल्लीवासियों को ईवी वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार ईवी नीति के बुनियादी ढांचे को लेकर 'सिंगल विंडो' सुविधा और नेटवर्क विस्तार पर जोर दे रही है। इसके तहत प्रमुख सार्वजनिक स्थानों के साथ-साथ अब आवासीय कॉलोनियों के पास भी सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट स्थापित किए जाएंगे। साथ ही पुरानी बैटरियों के वैज्ञानिक तरीके से निपटान और बैटरी स्वैपिंग (बदलने) की सुविधाएं विकसित की जाएंगी, ताकि चार्जिंग के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वाहन मालिकों को इलेक्ट्रिक माध्यम पर जाने के लिए पर्याप्त और उचित समय दिया जाएगा।
ऊर्जा मंत्री आशीष सूद की अध्यक्षता में कार्यरत है विशेष समिति : ईवी नीति को पूरी तरह त्रुटिहीन बनाने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने ऊर्जा एवं शिक्षा मंत्री आशीष सूद की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय मंत्रिमंडलीय समिति (जीओएम) का गठन किया है। करीब चार माह पूर्व गठित इस समिति ने अब तक कई सघन बैठकें की हैं, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ सीधा संवाद किया गया। समिति ने आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों और अन्य सलाहकारों की मदद से एक ऐसा वैज्ञानिक ढांचा तैयार किया है, जो बैटरी रीसाइक्लिंग और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी पुरानी चुनौतियों का स्थायी समाधान देगा। आशीष सूद ने हाल में कहा है कि यह समिति केवल सब्सिडी ही नहीं, राजधानी को जीरो उत्सर्जन बनाने के लिए सारे उपाय तलाश रही है। साथ ही समिति पर्यावरण अनुकूल बैटरी डिस्पोजल पर भी विशेषज्ञों की राय को नीति का हिस्सा बना रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

