मछुआरों के सामने आने वाली चुनौतियों पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे : परषोत्तम रूपाला
नई दिल्ली, 2 जनवरी (हि.स.)। केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्रालय ने निज़ामपट्टनम में एक्वा पार्क और रोग निदान प्रयोगशाला को मंजूरी प्रदान कर दी है। केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला मंगलवार को सागर परिक्रमा के दसवें चरण के दौरान इसकी जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मछुआरों के सामने आने वाली चुनौतियों पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
रुपाला ने मंगलवार को वोडारेवु (प्रकाशम जिला) में सागर परिक्रमा चरण-10 के दूसरे दिन का नेतृत्व किया। सागर परिक्रमा यात्रा चरण दसवें चरण की शुरुआत सोमवार 1 जनवरी से शुरू हुई। मंगलवार तक आंध्र प्रदेश के जुव्वालाडिन फिशिंग हार्बर, नेल्लोर जिले और कोथापट्टनम, प्रकाशम जिले को कवर किया गया।
आंध्र प्रदेश के प्रकाशम जिले के वोडारेवु से शुरू हुई परिक्रमा में मछुआरों, मछली किसानों और मछली पकड़ने वाले समुदाय के प्रतिनिधियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। सागर परिक्रमा चरण-दस आंध्र प्रदेश के बापटला जिले के निज़ामपट्टनम फिशिंग हार्बर तक पहुंची।
इस मौके पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने मछुआरा समूह, मशीनीकृत और मोटर चालित नाव मालिकों के संघ, जलीय किसानों, सूखी मछली विक्रेता संघ के प्रतिनिधियों, पीएमएमएसवाई और केसीसी लाभार्थियों जैसे लाभार्थियों के साथ बातचीत की।
उन्होंने बायोफ्लॉक, आरएएस, झींगा उत्पादन, कोल्ड स्टोरेज के विकास आदि जैसी प्रौद्योगिकियों के बारे में चर्चा की। मछुआरों, मछली किसानों जैसे लाभार्थियों को एफएफपीओ प्रमाणपत्र और सुरक्षा किट से सम्मानित किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/दधिबल
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