शहरों को प्रकृति अनुकूल बनाना बेहद जरूरी : एनबीएस

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शहरों को प्रकृति अनुकूल बनाना बेहद जरूरी : एनबीएस


नई दिल्ली, 06 अगस्त (हि.स.)। इंडिया फोरम फॉर नेचर-बेस्ड सॉल्यूशंस (एनबीएस) ने मंगलवार को अपना वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें शहरों को प्रकृति अनुकूल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। एनबीएस शहरी प्रकृति-आधारित समाधान तलाशने के लिए भारत का पहला राष्ट्रीय स्तर का संघ है, जिसे 2022 में लॉन्च किया गया था। यह भारत में जलवायु के अनुकूल शहरों और समुदायों को आकार देने के लिए काम करने वाले रिसर्च (अनुसंधान), अभ्यास और वित्त संगठनों का एक गठबंधन है।

शिखर सम्मेलन में अपने संबोधन में जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी ने जलवायु जोखिमों के प्रबंधन के दायरे को व्यापक बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रबंधन केवल तूफानी जल प्रबंधन के बारे में नहीं है, बल्कि जल निकायों और भूजल पुनर्भरण क्षमता के प्रबंधन के साथ-साथ कई हितधारकों के बीच ज्ञान का प्रबंधन भी है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव राहुल कपूर ने कहा कि मौजूदा नियामक और संस्थागत ढांचे पर ध्यान देने की जरूरत है जो पृथक प्रयासों को एक साथ ला सकते हैं। इसके साथ शहरों को प्रकृति अनुकूल बनाने के लिए एक दस्तावेज़ तैयार करने के साथ उन्हें व्यापक लोगों तक पहुंचा सकते हैं।

इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य डॉ. कृष्णा वत्स ने कहा, एनबीएस को अभी भी बेहतर ढंग से परिभाषित करने की जरूरत है, बायो-इंजीनियरिंग पर अधिक घटकों की खोज की जानी चाहिए। इससे एनबीएस का समर्थन करने के लिए सही प्रकार की तकनीकी विशेषज्ञता सुनिश्चित होगी।

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (एनआईयूए) की निदेशक डॉ. देबोलीना कुंडू ने कहा, भारत की समृद्ध विरासत और प्राकृतिक संसाधन असीम अवसर प्रदान करते हैं। हमने एनबीएस के सुझावों को एक जुट करने में सफलता हासिल की है। अब स्मार्ट शहरों में 'स्पंज सिटीज' में बदलने के लिए शहरी जलभृतों का उपयोग किया जा रहा है और 2,300 जल निकायों को पुनर्जीवित करने के लिए समग्र दृष्टिकोण भी अपनाया जा रहा है।

शिखर सम्मेलन का समापन एनबीएस पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जिसमें तीन श्रेणियों- चैंपियन, एनेबलर और कार्यान्वयन में अनुकरणीय कार्य को सम्मानित किया गया। जिसके विजेता हैं सुधा एस, आईएफएस (चैंपियन), जीआरआरआईडी कॉर्प्स (एनेबलर), सिटी ऑफ 1000 टैंक्स (कार्यान्वयन) और युवा (कार्यान्वयन)। ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू), एक फोरम पार्टनर, ने अपनी रिपोर्ट 'ग्लोबल साउथ में प्रकृति-आधारित समाधानों के लिए त्वरित निवेश: मानचित्रण और अनुमान लगाने के लिए एक एकीकृत ढांचा' लॉन्च की, जिसमें 3-चरणीय ढांचा पेश किया गया, जिसमें एनबीएस में अति-आवश्यक निवेश में तेजी लाने की दिशा में हितधारकों का समर्थन करना शामिल है।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी / रामानुज

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