आंध्र प्रदेश में लाल चंदन के किसानों को एनबीए ने जारी किए तीन करोड़ रुपये

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आंध्र प्रदेश में लाल चंदन के किसानों को एनबीए ने जारी किए तीन करोड़ रुपये


नई दिल्ली, 4 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण(एनबीए) ने भारत के जैविक संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मूल्यांकन और लाभ साझा करने के पहल के तहत आंध्रप्रदेश के लाल चंदन के किसानों को तीन करोड़ रुपये जारी किए।

केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि एनबीए ने 199 लाभार्थियों को 3.00 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। इनमें आंध्र प्रदेश के 198 किसान और लाल चंदन (प्टेरोकार्पस सैंटालिनस) के उत्पादक और आंध्र विश्वविद्यालय के रूप में एक शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं। आंध्र प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के माध्यम से किया गया यह वितरण जैव विविधता अधिनियम के अंतर्गत मूल्यांकन और लाभ साझा करने के तंत्र का भाग है।

इससे पहले, एनबीए ने लाल चंदन की सुरक्षा और संवर्धन के लिए आंध्र प्रदेश वन विभाग, कर्नाटक वन विभाग और आंध्र प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड को 48.00 करोड़ रुपये और तमिलनाडु के किसानों को 55.00 लाख रुपये जारी किए थे। अभी जो रकम प्रदान की गई है उसमें प्रत्येक लाभार्थी अर्थात किसानों को 33,000 रुपये से 22.00 लाख रुपये तक की राशि प्राप्त होगी जो उपयोगकर्ताओं को आपूर्ति की गई उत्पादित लाल चंदन की लकड़ी की मात्रा पर निर्भर करेगी। यह भी देखा गया है कि लाभार्थियों को लकड़ी के विक्रय मूल्य की तुलना में अधिक राशि प्राप्त हो रही है।

इस पहल के लाभार्थी आंध्र प्रदेश के चार जिलों- चित्तूर, नेल्लोर, तिरुपति और कडप्पा के 48 गांवों से हैं। यह लाल चंदन की इस अत्यधिक मूल्यवान स्थानीय प्रजाति की खेती और संरक्षण में लगे स्थानीय कृषक समुदायों की व्यापक भागीदारी को दर्शाता है।

उल्लेखनीय है कि यह पहल एनबीए की ओर से साल 2015 में गठित लाल चंदन पर विशेषज्ञ समिति की संस्तुतियों से प्रेरित है जिसने लाल चंदन के उपयोग से उत्पन्न संरक्षण, सतत उपयोग और उचित तथा न्यायसंगत लाभ साझा करने की नीति शीर्षक से व्यापक नीति बनाई थी। समिति के कार्य का प्रमुख परिणाम 2019 में विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से नीतिगत छूट देना था जिससे खेती वाले स्रोतों से लाल चंदन के निर्यात की अनुमति मिल गई। यह कानूनी एवं दीर्घकालिक व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

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