छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में तीन माह में 78 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकारी, चार अप्रैल को बीजापुर बंद का नक्सलियों ने किया आह्वान

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छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में तीन माह में 78 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकारी, चार अप्रैल को बीजापुर बंद का नक्सलियों ने किया आह्वान


छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में तीन माह में 78 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकारी, चार अप्रैल को बीजापुर बंद का नक्सलियों ने किया आह्वान


जगदलपुर, 28 मार्च (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकाें में वर्ष 2025 में जनवरी से मार्च तक हुई मुठभेड़ाें के बारे में नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर स्वीकार किया है कि उनके बड़े कैडर्स के साथी नक्सली सहित अब तक कुल 78 नक्सली मारे गए हैं। सात ग्रामीणों के मारे जाने का उल्लेख करते हुए नक्सलियों के प्रवक्ता ने बताया कि नक्सलियाें के अंदरूनी सुरक्षित कोर इलाके में हजारों की संख्या में फोर्स घुस रही है। इसके विरोध में नक्सलियों ने चार अप्रैल को बीजापुर बंद का आह्वान किया है। नक्सली अब लगातार तेलुगु भाषा में लिखे पर्चे जारी कर रहे हैं, इससे यह स्पष्ट है कि बड़े कैडर्स के मारे जाने के बाद बस्तर में नक्सल संगठन अब पूरी तरह से बिखरने के साथ सिमटता जा रहा है।

नक्सलियों के प्रवक्ता मोहन ने शुकवार काे एक पर्चा जारी कर पिछले तीन महीने में अलग-अलग मुठभेड़ाें में संगठन को हुए नुकसान का जिक्र करते हुए पर्चे में लिखा है कि 12 जनवरी को बंदेपारा के पास 5 साथी, बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र के ताेड़का में दाे फरवरी काे नाै साथी, 9 फरवरी को जालिपेरू के पास 31, 20 मार्च को गंगालूर क्षेत्र में 26, उसी दिन कांकेर में 4 और 25 मार्च को माड़ डिवीजन, इंद्रावती क्षेत्र में तीन साथी मारे गए हैं। जबकि सात ग्रामीणों की भी मौत होने का उल्लेख पर्चे में किया गया है। जारी नक्सली पर्चे में कहा गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें दावा कर रही हैं कि वे 31 मार्च 2026 तक नक्सली आंदोलन को पूरी तरह से खत्म कर देंगे। इस हमले को उसी का एक हिस्सा समझना होगा। केंद्र और राज्य सरकारें योजना के अनुसार दूसरे और तीसरे राज्य और चौथे और पांचवें जिलों के सशस्त्र बलों का उपयाेग कर रही है। बस्तर फाइटर्स, डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड्स, स्पेशल टास्क फोर्स, सी-60 कमांडो, सीआरपीएफ, बीएसएफ का समन्वय कर रही है, 4 हजार से 10 हजार की संख्या में जवानों को तैनात किया गया है। कई इलाकों को घेरकर संयुक्त रूप से हमले किए जा रहे हैं।

जारी हुए नक्सली पर्चे में मारे गये नक्सलियाें के नाम एवं कैडर्स का उल्लेख करते हुए बताया गया कि रैनू (एसीएम), ज्योति (पीएम) और अनीता (पीएम), एचम रमेश, मीका रमेश, पश्चिम बस्तर डिवीजन के सचिव उंगल के साथ-साथ मंगू (कमांडर पीपीसीएम, 11वीं पीएल), सोनू (कमांडर एसीएम डिवीजन सीएनएम), सुभाष (अध्यक्ष एसीएम नेशनल पार्क एआरपीसी), बजिनी (एसीएम डिवीजन सीएनएम डिप्टी कमांडर) पार्टी सदस्य - केशा, रघु, रोजा, ज्योति, मीना, वहीं मैनी, हिदा, सोनू, नेहर, मन्नी, संजती, राजू, देश, अमर, सरिता, शांति शामिल हैं। इसकी के साथ डीकेएसजेडसीएम सुधीर, कदिती सीटो डीवीसीएम, पूनेम सुक्की एसीएम, मदकम वागा पीपीसीएम, पूनेम बदरू पीपीसीएम, पद्धम कोसी एसीएम जैसे कैडर के नक्सली भी मारे गए हैं।

उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दावा है कि 31 मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलियों का सफाया कर दिया जाएगा। मिशन 2026 के तहत बस्तर में सुरक्षाबल अपने मिशन पर आगे बढ़ रहे हैं। वहीं पिछले 15 महीने में सुरक्षाबलाें के जवानाें ने 330 से ज्यादा नक्सलियों काे मुठभेड़ में ढेर कर दिया है।

बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने कहा कि नक्सल संगठन अब बस्तर में पूरी तरह से बिखरता और सिमटता जा रहा है। अलग-अलग मुठभेड़ के बाद नक्सलियों के पास से मिल रहे पत्र, जारी पर्चे व अन्य दस्तावेजों से भी यह स्पष्ट हो रहा है कि अब नक्सलियों का मनोबल काफी कमजोर हो चुका है। नक्सली अब किसी भी इलाके में ट्रेनिंग कैंप स्थापित कर नए लड़ाके तैयार करने की स्थिति में नहीं हैं। वे अपने वजूद काे बचाने के लिए बंद का आह्वान कर रहे हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे

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