नक्सली समर्थक सरकार पर शांतिवार्ता के लिए दबाव बनाने में जुटे

WhatsApp Channel Join Now
नक्सली समर्थक सरकार पर शांतिवार्ता के लिए दबाव बनाने में जुटे


बीजापुर, 29 अप्रैल (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में तेलंगाना की सीमा पर देश के सबसे बड़े नक्सल विराेधी अभियान के बीच नक्सलियों के समर्थक कई संगठन सरकार पर शांतिवार्ता के लिए दबाव बनाने में जुट गए हैं।

इन्हीं में से एक नक्सलियों के समर्थकाें के बड़े गठबंधन ने सोमवार 28 अप्रैल को सरकार को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने नक्सलियाें के युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार करने और अभियान रोकने की बात कही है। दरअसल नक्सलियों के समर्थकाें के बड़े गठबंधन ने सरकार और नक्सलियों के बीच तत्काल शांति वार्ता के लिए एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस सह सार्वजनिक बैठक आयोजित की । इसमें कहा गया कि नक्सलियों ने कई पत्रों और प्रेस साक्षात्कारों के माध्यम से एकतरफा युद्धविराम की अपनी इच्छा की घोषणा की है। इसलिए भारत सरकार के लिए यह जरूरी है कि वह भी युद्धविराम की घोषणा करे और शांति वार्ता शुरू करे।

बैठक में यह संकल्प लिया गया कि नागरिक समाज के सदस्यों और सभी राजनीतिक दलों, प्रगतिशील-लोकतांत्रिक ताकतों और व्यक्तियों को सामूहिक रूप से भारत सरकार और विपक्षी दलों सहित सभी राजनीतिक ताकतों पर शांति वार्ता के लिए दबाव डालना चाहिए। उन्होंने तत्काल युद्धविराम और सभी अर्धसैनिक अभियानों को रोकने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि

संवैधानिक लोकतंत्र में मानव जीवन को बचाना सबसे महत्वपूर्ण है।

इस वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस सह सार्वजनिक बैठक में जी. हरगोपाल (शांति संवाद समिति, तेलंगाना), बेला भाटिया (छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन), शशिकांत सेंथिल (सांसद, कांग्रेस), राजा राम सिंह (सांसद, भाकपा-माले लिबरेशन), डी. रविकुमार (सांसद, लिबरेशन पैंथर्स पार्टी/वीसीके), डी. राजा (महासचिव, भाकपा), विजू कृष्णन (पोलित ब्यूरो सदस्य, भाकपा-मार्क्सवाड़ी), सोनी सोरी (आदिवासी कार्यकर्ता, दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़), मनीष कुंजाम (पूर्व विधायक एवं नेता, बस्तरिया राज मोर्चा), मीना कंदासामी (लेखिका) और बादल (कॉर्पोरेटीकरण और सैन्यीकरण के खिलाफ मंच) शामिल थे।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे

Share this story