Shardiya Navratri 2023: देवी दुर्गा के 52 शक्तिपीठ, इस नवरात्र पर करें दर्शन, पूरी होगी मनोकामना

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शारदीय नवरात्रि इसबार 15 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रहे हैं। इस दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। श्रद्धालु माता रानी के मंदिरों में दर्शन करने जाते हैं और सच्चे मन से देवी दुर्गा की पूजा करते हैं। इसी बीच आज हम आपको बताएंगे देवी के 52 शक्तिपीठ मंदिरों के बारे में जो भारत के अलग-अलग राज्यों में स्थित हैं। दरअसल, सनातन धर्म में देवी के शक्तिपीठ की पूजा का खास महत्व है। मान्यता है कि इन शक्तिपीठों में देवी की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इन शक्तिपीठों के पीछे एक पौराणिक कथा है।

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इसके अनुसार, एक बार राजा दक्ष ने अपने महल में यज्ञ का आयोजन किया था.लेकिन इस यज्ञ में उन्होंने अपनी पुत्री सती और दामाद भोलेनाथ को आमंत्रित नहीं किया। फिर भी माता सती अपने पिता के यज्ञ कार्य में शामिल हुईं।वहां राजा दक्ष अपनी बेटी के सामने शिवशंकर का अपमान करने लगे। सती अपने पति का अपमान सह नहीं सकीं और उसी क्षण उन्होंने यज्ञ के पवित्र कुंड में कूद कर अपने प्राण त्याग दिए। शिवशंकर यह जानकर काफी क्रोधित हुए और पत्नि सती के शव को लिए वो तांडव करने लगे। इस दौरान, भगवान शंकर के गुस्से को शांत करने के लिए विष्णु भगवान ने चक्र छोड़ दिया जिससे माता सती के शरीर से कई टुकड़े जमीन पर गिरे। जहां-जहां शरीर के अंग गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ बन गए। चलिए जानते हैं देवी के शक्तिपीठ मंदिर कहां-कहां हैं। 

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माता के 52 शक्तिपीठ

1. मणिकर्णिका घाट– यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में है। यहां माता सती की मणिकर्णिका यानी कान के झुमके गिरे थे। 

2. माता ललिता देवी शक्तिपीठ– यह प्रयागराज में स्थित है। यहां पर माता सती के हाथ की अंगुली गिरी थी। 

3. रामगिरी शक्ति पीठ– यह उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में है। यहां माता सती का दायां स्तन गिरा था। 

4.कात्यायनी शक्तिपीठ – यह वृंदावन में स्थित है। यहां देवी सती के बाल के गुच्छ और चूड़ामणि गिरे थे। 

5. देवी पाटन मंदिर– यह बलरामपुर में है। यहां माता का बायां स्कंध गिरा था। 

6. हरसिद्धि देवी शक्तिपीठ– माता सती की कोहनी गिरी थी, यह मध्य प्रदेश में स्थित है। 

7. शोणदेव नर्मता शक्तिपीठ– मध्यप्रदेश के अमरकंटक में माता का दांया नितंब गिरा था। 

8. नैना देवी मंदिर– हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में शिवालिक पर्वत पर स्थित है। यहां देवी सती की आंख गिरी थी। 

9. ज्वाला जी शक्तिपीठ– इस शक्तीपीठ में देवी की जीभ गिरी थी। यह हिमाचल के कांगड़ा में स्थित है। 

10. त्रिपुरमालिनी माता शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ पंजाब के जालंधर में है, यहां माता का बायां स्तन गिरा था। 

11. पहलगाम शक्तीपीठ– ये शक्तीपीठ कश्मीर में है, यहां माता सती का गला गिरा था। 

12. सावित्री शक्तिपीठ– यह मंदिर हरियाणा के कुरुक्षेत्र में है।  यहां माता के पैर की एड़ी गिरी थी। 

13. मणिबंध शक्तिपीठ– यह मंदिर अजमेर के पुष्कर में है, यहां माता सती की दो पहुंचियां गिरी थीं। 

14.बिरात शक्तिपीठ– यहां माता सती के बाएं पैर की उंगलियां गिरी थीं। यह राजस्थान में स्थित है। 

15. अंबाजी शक्तिपीठ मंदिर- यह मंदिर गुजरात में है। यहां माता का हृदय गिरा था। 

16. चंद्रभागा शक्तिपीठ– यह मंदिर गुजरात के जूनागढ़ में है। यहां देवी सती का आमाशय गिरा था। 

17. भ्रामरी शक्तिपीठ– यह मंदिर महाराष्ट्र में है। यहां माता की ठोड़ी गिरी थी। 

18. माताबाढ़ी पर्वत शिखर शक्तिपीठ– यह मंदिर त्रिपुरा में स्थित है। यहां पर माता का दायां पैर गिरा था। 

19. कपालिनी शक्तिपीठ– बंगाल में यह शक्तिपीठ है। यहां माता की बायीं एड़ी गिरी थी। 

20. देवी कुमारी शक्तिपीठ– बंगाल के हुगली में माता सती का दायां कंधा गिरा था। 

21. विमला शक्तिपीठ– बंगाल के मुर्शीदाबाद में देवी सती का मुकुट गिरा था। 

22. त्रिस्रोता भ्रामरी शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ बंगाल के जलपाइगुड़ी में स्थित है। यहां माता का बायां पैर गिरा था। 

23. बहुला देवी शक्तिपीठ– पश्चिम बंगाल के वर्धमान में स्थित इस मंदिर में माता सती का बायां हाथ गिरा था। 

24. मंगल चंडिका माता शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल केउज्जयिनी में है। यहां माता की दायीं कलाई गिरी थी। 

25. महिषमर्दिनी शक्तिपीठ– यह पश्चिम बंगाल के वक्रेश्वर में स्थित है। यहां देवी सती का भ्रूमध्य गिरा था। 

26. नलहाटी शक्तिपीठ– पश्चिम बंगाल के बीरभूम के नलहाटी में स्थित एक मंदिर है, जहां माता के पैर की हड्डी गिरी थी। 

27. इन्द्राक्षी शक्तिपीठ– श्रीलंका के जाफना नल्लूर में देवी की पायल गिरी थी। 

28. गुहेश्वरी शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ नेपाल में पशुपतिनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर है। यहां मां सती के दोनों घुटने गिरे थे। 

29. आद्या शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ नेपाल में गंडक नदी के पास है। मान्यता है कि यहां माता सती का बायां गाल गिरा था। 

30.दंतकाली शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ नेपाल के बिजयापुर गांव में है। यहां माता सती के दांत गिरे थे। 

31. मनसा शक्तिपीठ– यह तिब्बत में मानसरोवर नदी के पास स्थित है। यहां माता सती की दाईं हथेली गिरी थी। 

32. मिथिला शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है।  यहां माता सती का बायां कंधा गिरा था। 

33. हिंगुला शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है। यहां माता सती का सिर गिरा था। 

34. फुल्लारा देवी शक्तिपीठ– यह मंदिर पश्चिम बंगाल के अट्टहास में है। यहां माता सती के होंठ गिरे थे। 

35. नंदीपुर शक्तिपीठ– यह शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल में स्थित है। यहां माता सती का हार गिरा था।

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ये हैं देवी सती के अन्य शक्तिपीठ

इन के अलावा 17 शक्तिपीठ और है।  ये शक्तिपीठ हैं- युगाधा शक्तिपीठ, कलिका देवी शक्तिपीठ, कांची देवगर्भ शक्तिपीठ, भद्रकाली शक्तिपीठ, शुचि शक्तिपीठ, सर्वशैल रामहेंद्री शक्तिपीठ, श्रीशैलम शक्तिपीठ, कर्नाट शक्तिपीठ, कामाख्या शक्तपीठ, मां भद्रकाली देवीकूप मंदिर, चट्टल भवानी शक्तिपीठ, सुगंधा शक्तिपीठ, जयंती शक्तिपीठ, श्रीशैल महालक्ष्मी, यशोरेश्वरी माता शक्तिपीठ। 

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