प्रोजेक्ट सीबर्ड से कारवार नौसेना बेस की क्षमता बढ़ी, रक्षा मंत्री ने किया उद्घाटन
- कारवार के दो प्रमुख तटबंधों में अब 32 जहाज, पनडुब्बियां और 23 यार्ड क्राफ्ट समायोजित होंगे
- नौसेना अधिकारियों व रक्षा क्षेत्र के असैन्य कर्मियों के लिए आवासीय भवनों का भी हुआ उद्घाटन
नई दिल्ली, 05 मार्च (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में नौसेना बेस कारवार में दो प्रमुख तटबंधों और नौसेना अधिकारियों व रक्षा क्षेत्र के असैन्य कर्मियों के लिए 320 निवास गृहों तथा अधिकारियों के 149 एकल आवास वाले सात आवासीय भवनों का उद्घाटन किया। प्रोजेक्ट सीबर्ड के पहले चरण को 10 जहाजों को समायोजित करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था और इसे साल 2011 में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया था।
रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सबसे बड़ी नौसेना बुनियादी ढांचा निर्माण परियोजना के रूप में लाया गया प्रोजेक्ट सीबर्ड भारतीय नौसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों तटबंध देश के पश्चिमी तट पर रणनीतिक उपस्थिति को और मजबूत करेंगे। रक्षा मंत्री ने इस आयोजन की स्मृति में एक उद्घाटन विशेष डाक टिकट भी जारी किया। नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने विश्वास व्यक्त किया कि नई प्रशिक्षण सुविधा न केवल भारतीय बलों के अधिकारियों के लिए बल्कि समुद्री पड़ोसियों के लिए भी समुद्री दृष्टिकोण सीखने और साझा करने के लिए एक गुरुकुल के रूप में काम करेगी।
ये बुनियादी ढांचा विकास प्रोजेक्ट सीबर्ड के चल रहे दूसरे चरण का पहला हिस्सा है, जिसमें 32 जहाजों, पनडुब्बियों, 23 यार्डक्राफ्ट, एक दोहरे उपयोग वाले नौसेना एयर स्टेशन, एक पूर्ण नौसेना डॉकयार्ड, चार कवर किए गए ड्राई बर्थ और जहाजों, विमानों के लिए रसद को समायोजित किया जाएगा। इसमें लगभग 10,000 वर्दीधारी और नागरिक कर्मी परिवारों के साथ रहेंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था और औद्योगिक विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा। सिविल एन्क्लेव के साथ नेवल एयर स्टेशन से उत्तरी कर्नाटक और दक्षिण गोवा में पर्यटन बढ़ने की उम्मीद है। यह परियोजना 'आत्मनिर्भर भारत' के अनुरूप है, जिसमें 90 फीसदी से अधिक सामग्री घरेलू स्तर पर प्राप्त की गई है।
इस परियोजना के दूसरे चरण के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति (सीसीएस) की मंजूरी के अनुसार 23 यार्डक्राफ्ट के साथ 32 जहाजों और पनडुब्बियों की बर्थिंग दी गई थी। ऊंचाई के मामले में यह दिल्ली में कुतुब मीनार से भी ऊपर है और 33 हजार वर्ग मीटर भूमि क्षेत्र में फैला हुआ है। इस ड्राई बर्थ को चार बड़े जहाजों की एक साथ डॉकिंग तथा व्यापक बंद रखरखाव की सुविधा के लिए बनाया गया है। 2700 मीटर के रनवे और सिविल-एन्क्लेव के साथ एक ग्रीन फील्ड दोहरे उपयोग वाले नेवल एयर स्टेशन की स्थापना से नौसेना के विभिन्न जहाजों पर चढ़ने वाले विमानों को हवाई सहायता मिलेगी। इससे वाणिज्यिक विमान उड़ानों के संचालन में भी सुविधा होगी।
इस परियोजना को पूरा करने में एईसीओएम इंडिया लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, आईटीडी सीमेंटेशन इंडिया लिमिटेड, नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी, नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड और शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप जैसे प्रसिद्ध भारतीय उद्योग बुनियादी ढांचे के अग्रणी निर्माता शामिल हैं। नौसेना डॉकयार्ड की स्थापना और जहाजों की रखरखाव की आवश्यकता इस क्षेत्र के औद्योगिक विकास के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेंगी। यह नेवल एयर स्टेशन सिविल एन्क्लेव के साथ उत्तर कर्नाटक क्षेत्र में हवाई कनेक्टिविटी में सुधार करने व उत्तरी कर्नाटक और दक्षिण गोवा दोनों में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तैयार है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम
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