भारत की संस्कृति में ही निसर्ग समाया हैः मुख्यमंत्री
- विश्व वेटलैंड दिवस पर इंदौर के सिरपुर वेटलैंड पर भव्य कार्यक्रम
इंदौर, 2 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति में ही निसर्ग समाहित है लेकिन समय के साथ हम इसे भूलते जा रहे हैं। यह तालाब पहले पेयजल के उपयोग में आता था, लेकिन समय के साथ परिवर्तन होते गए। आधुनिक जीवन में कचरा यहां बढ़ता गया लेकिन इन्हें बचाने की जरूरत है। अब यह रामसर साइट हो गया है।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को देश के स्वच्छतम शहर इंदौर के दो तालाब सिरपुर और यशवंत सागर पर इस वर्ष के विश्व वेटलैंड दिवस पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय राज्यमंत्री अश्विनी चौबे और रामसर सचिवालय की महासचिव डॉ. मुसौंदा मुंबा बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद रहीं। आयोजन में देश की सभी 75 वेटलैंड साइट के प्रतिनिधि, प्राधिकरणों के अधिकारी, विज्ञानी सहित 200 से अधिक विशेषज्ञ शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन किया। उन्होंने तालाब का निरीक्षण किया और यहां चल रही अलग-अलग परियोजनाओं के बारे में जानकारी ली। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, पर्यावरण एवं वन मंत्री नागर सिंह चौहान, पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, सांसद शंकर लालवानी, विधायक मालिनी गौड़ सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
अन्य देशों को भारत से सीखना चाहिएः मुसौंदा मुंबा
रामसर सचिवालय की महासचिव डॉ. मुसौंदा मुंबा ने अपने संबोधन की शुरुआत में नमस्ते से करते हुए कहा कि वह पहली बार भारत आकर बहुत खुश हैं। भारत सरकार को बधाई कि यहां 80 रामसर साइट्स हो गई हैं। वर्ष 1982 में यहां केवल दो रामसर साइट्स थी। अभी हम कुछ और रामसर साइट्स पर काम कर रहे हैं। अन्य देशों को भारत से सीखना चाहिए। इंदौर में सिरपुर तालाब और यशवंत सागर पर जा चुकी हूं। इसका इतिहास बताता है कि यहां के महाराजाओं ने कितनी दूरदर्शिता से काम किया था। मैं उन सभी को सराहना चाहती हूं।
कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कुछ साल पहले तक सिरपुर तालाब पर खड़े रहने की इच्छा नहीं होती थी। इसके आसपास अतिक्रमण था लेकिन अब महापौर के नेतृत्व में यहां की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि कुएं, तालाब हमारे संस्कार का हिस्सा है। इनका संरक्षण करना चाहिए। हमें जनभागीदारी से इस जगह का संरक्षण करना चाहिए। सभी संकल्प लें कि इसे संवारें, संरक्षण करें और प्रदूषण मुक्त बनाएं। स्वच्छता में नंबर वन सिटी बनने के बाद इंदौर ने वेटलैंड सिटी के लिए दावेदारी की है। इसमें काफी संभावना है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि इंदौर जब भी करता है, अद्भुत करता है।
इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि रामसर सचिवालय की महासचिव डॉ. मुसौंदा मुंबा ने भारत आते ही पांच और रामसर साइट्स को जोड़ दिया। इंदौर की दो रामसर साइड्स सिरपुर और यशवंत सागर के वीड और कमल से मिलकर हमने सरकार को सौगात दी है। उन्होंने कहा कि हम इन साइट्स पर ईको टूरिज्म को बढ़ावा दे रहे हैं। यहां पर आने वाले लोगों को जानकारी देने के लिए गाइडों की नियुक्ति के साथ ही उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
वेटलैंड समिति के सुजीत कुमार वाजपेयी ने कहा कि भारत में अब रामसर साइट्स 78 से बढ़कर 80 हो गए हैं। दो दिन पहले ही इसकी घोषणा की गई है। 2014 के बाद भारत सरकार का इस तरफ ध्यान बढ़ा है। केंद्र के साथ ही कुछ राज्य सरकारों ने भी इस पर ध्यान बढ़ा है। यहां 2014 के बाद से 54 रामसर साइट्स को जोड़ा गया है।
गौरतलब है कि प्रतिवर्ष दो फरवरी को विश्व वेटलैंड दिवस मनाया जाता है। इसी दिन वर्ष 1971 में ईरान के रामसर शहर में विश्वभर के तालाबों को बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। विश्व वेटलैंड दिवस तालाबों के प्रति जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। एक वर्ष पहले तक प्रदेश के भोपाल और शिवपुर तालाब ही रामसर साइट में शामिल थे, लेकिन इसी वर्ष इंदौर के सिरपुर तालाब और यशवंत सागर को इस सूची में शामिल किया गया है। चूंकि इंदौर के दो तालाब इस सूची में इसी वर्ष शामिल हुए हैं, यही वजह है कि इस वर्ष विश्व वेटलैंड दिवस का अंतरराष्ट्रीय आयोजन इंदौर में हो रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/संजीव
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।