मप्रः राष्ट्रीय बाल आयोग ने एडीएम को बताया मदरसे का प्रवक्ता, कहा- इन्हें ट्रेनिंग की जरूरत
- मदरसे में लड़कियों के कमरों में लगे थे कैमरे, कलेक्टर ने किया निरीक्षण
भोपाल, 6 अगस्त (हि.स.)। रतलाम के दारुल उलूम आयशा सिद्दीका तिलबिनात मदरसे में लड़कियों के कमरे में कैमरे और उन्हें स्कूल नहीं भेजने के मामले में राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मदरसे को क्लीनचिट देने पर एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव को मदरसे का प्रवक्ता बताया है। साथ ही उन्होंने कहा कि एडीएम को बाल अधिकारों को लेकर ट्रेनिंग देने की जरूरत है।
बाल आयोग के संज्ञान लेने के बाद मंगलवार को कलेक्टर राजेश बाथम, जिला पंचायत सीईओ शृंगार श्रीवास्तव, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मदरसे पहुंचे और लड़कियों से बातचीत की। खाचरोद रोड पर चलने वाले इस मदरसे में 47 बच्चियों का कक्षा 2 से 7वीं में एडमिशन कराकर उन्हें बुक्स दीं। मदरसे की जमीन के दस्तावेज भी देखे।
गौरतलब है कि एक अगस्त को मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने मदरसे की जांच की थी। तब उन्हें लड़कियों के कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगे मिले थे। मदरसे को मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड की मान्यता भी नहीं है। यहां 100 लड़कियों में से 40 ही स्कूल जाती मिली थीं। आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने अधिकारियों को सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर जब्त करने के आदेश दिए थे। इसके बाद चार अगस्त को ए़डीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव मदरसे पहुंची थीं। उन्होंने बताया था कि बाल आयोग से उन्हें रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने यह भी कहा था कि बाल आयोग की टीम की जांच के बाद मदरसे से कैमरे हटा लिए गए हैं।
राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मंगलवार को कहा कि प्रशासन की असंवेदनशीलता है। साफ लापरवाही नजर आ रही है। रतलाम कलेक्टर को नोटिस भेजा जा रहा है। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि मध्यप्रदेश बाल आयोग की सदस्य ने निरीक्षण के दौरान रतलाम में एक अवैध मदरसे में लड़कियों के कमरों में कैमरे लगे पाए हैं। दूसरे शहरों, राज्यों से लाकर लड़कियों को रखकर उनको स्कूल नहीं भेजा जा रहा है, यह संविधान का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में बाल आयोग सदस्य ने कैमरे की रिकॉर्डिंग की डीवीआर जब्त करने के मौखिक निर्देश तत्काल दे दिए थे। डीवीआर जब्त की जानकारी प्रशासन से आना बाकी है। आयोग द्वारा नोटिस जारी किया जाना बाकी है। इसके पूर्व ही ये मैडम, जो कि वहां की एसडीएम बताई जा रही हैं, उन्होंने मदरसे पहुंचकर मदरसे की प्रवक्ता की तरह बयान देकर मदरसे को क्लीनचिट दे दी है। इस मामले में प्रशासन को नोटिस जारी कर रहे हैं। बाल अधिकार कानूनों पर इन एसडीएम को प्रशिक्षण के लिए भी सरकार को अनुशंसा कर रहे हैं।
कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया कि बाल आयोग की सदस्या आई थीं। अभी उनकी निरीक्षण रिपोर्ट नहीं मिली है। शहर के कुछ मदरसों में खामियां पाई हैं। नोटिस दिया जा रहा है। बाल आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी क्लास में 8, तीसरी में 7, चौथी में 16, पांचवी में 1, छठी में 11 और 7वीं में 4 मदरसे की लड़कियों का स्कूल में एडमिशन कराया है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / प्रभात मिश्रा
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