प्रधानमंत्री ने भुज और अहमदाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

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प्रधानमंत्री ने भुज और अहमदाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना


प्रधानमंत्री ने भुज और अहमदाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना


प्रधानमंत्री ने भुज और अहमदाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना


अहमदाबाद, 16 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार शाम अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड से वीडियो लिंक के माध्यम से भुज एवं अहमदाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल को हरी झंडी दिखाई और गांधीधाम-आदीपुर रेल लाइन के चौहरीकरण तथा सामाख्‍याली-गांधीधाम रेल लाइन के चौहरीकरण की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने 5 नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया तथा वाराणसी एवं नई दिल्ली के बीच भारत की पहली 20 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाई। इस अवसर पर अहमदाबाद में गुजरात के माननीय राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, जल शक्ति मंत्री श्री सी.आर. पाटिल, गुजरात सरकार के मंत्रीगण, सांसद, विधायक और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद में लगभग 1600 करोड़ रुपये की लागत वाली रेलवे परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने विभिन्न गंतव्यों के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों तथा भुज एवं अहमदाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल को भी हरी झंडी दिखाई। नमो भारत रैपिड रेल के उद्घाटन के स्वागत के लिए मार्ग के स्टेशनों यानी भुज, अंजार, गांधीधाम, भचाऊ, सामाख्‍याली, हलवद, ध्रांगध्रा, विरमगाम, चांदलोडिया, साबरमती और अहमदाबाद स्‍टेश्‍नों पर स्थानीय समारोह आयोजित किए गए। इन स्टेशनों पर उपस्थित गणमान्य लोगों में सांसद, विधायक और स्थानीय जन प्रतिनिधि शामिल थे। इस कार्यक्रम को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्र थे और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। स्कूली बच्चों को भी नई नमो भारत रैपिड रेल के शुभारम्‍भ समारोह को देखने और उसमें यात्रा करने का सुनहरा अवसर मिला।

नमो भारत रैपिड रेल तथा इंफ्रास्‍ट्रक्‍चरल परियोजनाओं की खासियत

भुज एवं अहमदाबाद के बीच नमो भारत रैपिड रेल: नमो भारत रैपिड रेल आधुनिक यात्रा का अनुभव प्रदान कराती है। स्वदेशी तकनीक से विकसित यह ट्रेन 12 वातानुकूलित कोचों से सुसज्जित है, जिसमें केंद्रीय रूप से नियंत्रित स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे, मॉड्यूलर इंटीरियर, कंटिनुअस एलईडी लाइटिंग, वैक्यूम निकासी के साथ शौचालय, रूट मैप इंडिकेटर, पैनोरमिक विंडो, सीसीटीवी, फोन चार्जिंग सुविधाओं के साथ-साथ और भी अन्‍य सुविधाएं हैं। यह ट्रेन उन्नत और बेहतर सुविधाओं से सुसज्जित है जो इसे 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति तक चलाने में सक्षम बनाती है। इस ट्रेन में पूरी तरह से सीलबंद फ्लेक्सिबल गैंगवे है जो यात्रियों को गैंगवे के अंदर धूल और पानी के प्रवेश से बचाती है तथा सुरक्षित वातावरण प्रदान करती है। इस ट्रेन में सीटिंग और फ़्लोरिंग अग्निरोधी हैं। यह ट्रेन अलार्म सिस्टम के साथ ऑटोमेटिक स्‍मोक/फायर डिटेक्‍शन और एरोसोल आधारित अग्निशमन प्रणाली से भी सुसज्जित है।

अपने नियमित परिचालन में यह ट्रेन संख्या 94801 अहमदाबाद-भुज नमो भारत रैपिड रेल शनिवार को छोड़कर प्रतिदिन 17:30 बजे अहमदाबाद से प्रस्‍थान करेगी और उसी दिन 23:10 बजे भुज पहुँचेगी। यह ट्रेन 17 सितंबर, 2024 से चलेगी। इसी तरह, ट्रेन संख्या 94802 भुज-अहमदाबाद नमो भारत रैपिड रेल रविवार को छोड़कर प्रतिदिन 05.05 बजे भुज से प्रस्‍थान करेगी और उसी दिन 10:50 बजे अहमदाबाद पहुँचेगी। यह ट्रेन 18 सितंबर, 2024 से चलेगी। यह ट्रेन दोनों दिशाओं में साबरमती, चांदलोडिया, विरमगाम, ध्रांगध्रा, हलवद, सामाख्‍याली, भचाऊ, गांधीधाम और अंजार स्टेशनों पर रुकेगी।

गांधीधाम-आदीपुर चौहरीकरण परियोजना (10.69 किमी): गांधीधाम-आदीपुर चौहरीकरण परियोजना को फरवरी 2023 में मंजूरी दी गई थी और इस पर 152 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। यह सेक्‍शन कच्छ जिले को कवर करता है और इसमें 12 बड़े और छोटे पुल होंगे, साथ ही एक आरओबी भी होगा। इस परियोजना के पूरा होने से इस अति व्यस्त सेक्‍शन की लाइन क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इस सेक्‍शन पर और अधिक ट्रेनें चलाई जा सकेंगी, जिससे कच्छ के लिए कनेक्टिविटी बेहतर होगी। यह परियोजना बंदरगाहों से भी कनेक्टिविटी तथा कच्छ जिले के बंदरगाहों से आयात/निर्यात को बढ़ाएगी। इस क्षेत्र से नमक परिवहन क्षमता भी बढ़ेगी और कच्छ के रण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा तथा रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे।

सामाख्‍याली - गांधीधाम चौहरीकरण परियोजना (53 किमी): सामाख्‍याली-गांधीधाम चौहरीकरण परियोजना को अगस्त 2023 में मंजूरी दी गई थी और इसे 1430 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किए जाने का अनुमान है। इस सेक्‍शन में 75 बड़े और छोटे पुल और 3 रोड ओवर ब्रिज होंगे। परियोजना के पूरा होने से अहमदाबाद और पालनपुर के साथ कनेक्टिविटी में सुधार होगा, साथ ही इस अति व्‍यस्‍त सेक्‍शन पर कंजेशन को कम करने में भी मदद मिलेगी। लाइन क्षमता में वृद्धि के साथ, कच्छ के लोगों के लिए ट्रेन कनेक्टिविटी में सुधार होगा। यह परियोजना बंदरगाह कनेक्टिविटी को भी बढ़ाएगी तथा कच्छ क्षेत्र में रोजगार के अवसर और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

अन्य वंदे भारत ट्रेनें जिन्हें हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया:

नागपुर - सिकंदराबाद (577 किमी), आगरा कैंट - बनारस (573 किमी), दुर्ग – विशाखापट्टनम (565 किमी), पुणे- हुब्‍बल्लि (557 किमी)

5.कोल्हापुर - पुणे (326 किमी), वाराणसी एवं नई दिल्ली के बीच भारत की पहली 20 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन (755 किमी).

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

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