मुंद्रा कस्टम ने 110 करोड़ रुपये का ड्रग्स पकड़ा, अफ्रीका भेजने की थी योजना
- कस्टम विभाग के एसआईआईबी की कार्रवाई में मिली सफलता
अहमदाबाद, 29 जुलाई (हि.स.)। कच्छ जिले के मुंद्रा कस्टम विभाग के स्पेशल इंटेलिजेंस एंड इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (एसआईआईबी) ने ट्रामाडोल की 68 लाख गोलियों को जब्त किया है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 110 करोड़ रुपये कीमत बताई गई है। प्राथमिक जानकारी के अनुसार कस्टम अधिकारी राजकोट, गांधीनगर और गांधीधाम में फॉलोअप सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
जानकारी के अनुसार मुंद्रा कस्टम अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि राजकोट स्थित एक निर्यातक व्यापारी के दो कन्साइन्मेंट निर्यात के लिए पश्चिम अफ्रीकी देशों सिएरा लियोन और नाइजर के लिए बुक किया गया था। इन दोनों कन्साइन्मेंट को डिकलोफेनाक टेबलेट और गेबेडोल टेबलेट के रूप में बताया गया था। कस्टम ने इन दोनों कन्सान्मेंट को निर्यात होने से पूर्व ही रुकवा कर जांच की। कन्टेनर के अगले हिस्से में बताई गई चीजों को रखा गया था, लेकिन उसके पीछे ट्रेमेकिंग 225 और रोयल 225 नामक दो ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड टेब्लेट 225 मिलीग्राम रखा गया था। स्ट्रीप्स और बॉक्स के ऊपर उत्पाद के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं दी गई थी। कस्टम अधिकारियों की जांच में 110 करोड़ रुपये की कीमत की ट्रामाडोल की कुल 68 लाख गोलियां प्राप्त हुई।
क्या है ट्रामाडोल
ट्रामाडोल एक एपिओइड दर्द की दवा है, जो कि साइकोट्रोपिक पदार्थ है। एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 8 (सी) के तहत ट्रामाडोल के निर्यात पर प्रतिबंध है। ट्रामाडोल को वर्ष 2018 में एनडीपीएस एक्ट के तहत साइकोट्रोपिक पदार्थ सूचित किया गया था।
आइएसआइएस के आतंकी करते थे उपयोग
पुलिस के अनुसार आइएसआइएस के आतंकी लंबे समय तक जागने के लिए ट्रामाडोल का उपयोग करते थे। बाद में यह फाइटर ड्रग के रूप में कुख्यात हो गया। यह भी जानकारी है कि यह कृत्रिम ओपिओइड दवा लोकप्रिय है और नाइजीरिया, घाना आदि अफ्रीकन देशों में इसकी बड़ी मांग है। मुंद्रा कस्टम ने ट्रामाडोल की यह अब तक की सबसे बड़ी खेप जब्त की है। मामले की जांच की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय / सुनील कुमार सक्सैना
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