क्वाड देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग मजबूत करने पर दिया जोर

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क्वाड देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सहयोग मजबूत करने पर दिया जोर


- बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास 'मालाबार' के बंदरगाह चरण में शामिल हुईं चारों नौसेनाएं

नई दिल्ली, 12 अक्टूबर (हि.स.)। क्वाड देशों की नौसेनाओं ने विशाखापट्टनम में चल रहे बहुपक्षीय समुद्री अभ्यास 'मालाबार' के बंदरगाह चरण में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपसी समुद्री सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की है। भारत की मेजबानी में ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के नौसेना प्रमुखों ने हिंद-प्रशाते और मालाबार के भविष्य के संस्करणों में आपसी नौसैनिक अंतर-संचालन और समुद्री सहयोग बढ़ाने पर मंथन करके समुद्री सहयोग बढ़ाने, आपसी सौहार्द्र का निर्माण करने और परिचालन तालमेल को बढ़ाने पर जोर दिया है।

पूर्वी नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल राजेश पेंढारकर, यूएस प्रशांत बेड़े के कमांडर एडमिरल स्टीफन कोहलर, जापान के सेल्फ डिफेंस फ्लीट के कमांडर-इन-चीफ वाइस एडमिरल कात्सुशी ओमाची और ऑस्ट्रेलियाई बेड़े के कमांडर रियर एडमिरल क्रिस स्मिथ के नेतृत्व में कई गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका की नौसेनाएं विशाखापट्टनम में विभिन्न सहयोगी कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल हैं। इन गतिविधियों में प्रमुख नेतृत्व सहभागिता (केएलई), विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान (एसएमईई), क्रॉस-डेक दौरे, खेल कार्यक्रम और नौकायन से पहले की चर्चाएं शामिल हैं, जिनका उद्देश्य समुद्री सहयोग को बढ़ाना, सौहार्द्र का निर्माण करना और परिचालन तालमेल को बढ़ावा देना है।

क्वाड देशों की नौसेनाओं के बीच बातचीत ने समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने और समुद्री संचालन में साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग के महत्व को उजागर किया है। आपसी सहयोग को और मजबूत करते हुए विषय वस्तु विशेषज्ञ आदान-प्रदान और क्रॉस-डेक यात्राओं ने भाग लेने वाले देशों को गहन जुड़ाव और समझ को बढ़ावा देने की दिशा में ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने के लिए मूल्यवान अवसर प्रदान किए हैं। ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के दल ने मैत्रीपूर्ण खेल मुकाबलों में भाग लिया, जिससे टीमों के बीच सौहार्द्र को और मजबूती मिली।

बंदरगाह चरण में समुद्र से लेकर मैदानों तक टीमवर्क और दोस्ती की भावना ने 'स्ट्रॉन्गर टुगेदर' की थीम को मूर्त रूप दिया। सभी प्रतिभागियों ने एक साथ यादगार रात्रि भोज का भी आनंद लिया, जिसमें भारतीय व्यंजनों के समृद्ध स्वाद ने नौसेनाओं के बीच सांस्कृतिक परिचय को बढ़ाने के लिए मंच तैयार किया। मालाबार अभ्यास का बंदरगाह चरण समाप्त होने के करीब है, इसलिए पूर्व-नौकायन चर्चाएं केंद्रीय स्तर पर आ गई हैं, जिसमें 14 अक्टूबर से निर्धारित बंगाल की खाड़ी में समुद्री चरण के दौरान अधिकतम परिचालन तालमेल सुनिश्चित करने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम

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