अब सिटी ऑफ डेस्टिनी में होगा भारतीय नौसेना का बहुराष्ट्रीय अभ्यास 'मिलन'

अब सिटी ऑफ डेस्टिनी में होगा भारतीय नौसेना का बहुराष्ट्रीय अभ्यास 'मिलन'
WhatsApp Channel Join Now
अब सिटी ऑफ डेस्टिनी में होगा भारतीय नौसेना का बहुराष्ट्रीय अभ्यास 'मिलन'

- हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा देना है अभ्यास का मकसद

- हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के बढ़ते रणनीतिक महत्व ने मिलन अभ्यास को महत्वपूर्ण बनाया

नई दिल्ली, 08 फरवरी (हि.स.)। भारतीय नौसेना का बहुराष्ट्रीय अभ्यास ‘मिलन’ 19-27 फरवरी तक सिटी ऑफ़ डेस्टिनी विशाखापत्तनम में होगा। मिलन अभ्यास हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के बढ़ते रणनीतिक महत्व ने मिलन अभ्यास को महत्वपूर्ण बना दिया है, जो जिम्मेदार समुद्री शक्ति होने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इस अभ्यास का 11वां संस्करण फरवरी-मार्च 2022 में पूर्वी नौसेना कमान के तहत विशाखापत्तनम में ‘सौहार्दपूर्ण-सामंजस्य-सहयोग’ विषय के साथ आयोजित किया गया था। मिलन एक द्विवार्षिक बहुराष्ट्रीय नौसैनिक अभ्यास है, जो 1995 में चार देशों इंडोनेशिया, सिंगापुर, श्रीलंका, थाईलैंड की भागीदारी के साथ शुरू हुआ था। मिलन प्रशांत महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग और सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन है। अभ्यास के 10 संस्करण अंडमान और निकोबार कमान के तत्वावधान में हुए लेकिन एक दशक में इसका कद बढ़ा है। अब भविष्य में होने वाले मिलन अभ्यासों के लिए पसंदीदा स्थान के रूप में सिटी ऑफ़ डेस्टिनी विशाखापत्तनम को चुना गया है।

नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने गुरुवार को बताया कि यह शहर विभिन्न पहलुओं के कारण इस अभ्यास की मेजबानी के लिए आदर्श है। विशाखापत्तनम में प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र होने के साथ बड़े बंदरगाह, इसके तटों के करीब खड़ी तटीय ढलान, जहाजों को तट के किनारे तक संचालित करने में सक्षम है। यहां की लंबी तटरेखा आम जनता के लिए उत्कृष्ट दृश्य अनुभव प्रदान करती है। विशेष रूप से आरके बीच का सुंदर दृश्य, उत्कृष्ट बुनियादी ढांचे के साथ, तट के किनारे स्थानीय आबादी के लिए मिलन के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों, जैसे परिचालन प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय सिटी परेड की मेजबानी के लिए अनुकूल है।

उन्होंने बताया कि यह अभ्यास बंदरगाह और समुद्री चरण में होगा। अभ्यास में भाग लेने वाले देशों के बीच सांस्कृतिक साझाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बंदरगाह चरण में अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगोष्ठी, अंतरराष्ट्रीय सिटी परेड समुद्री तकनीक प्रदर्शनी और विभिन्न खेल कार्यक्रम होंगे। समुद्री चरण के दौरान भारतीय नौसेना के विमानों और अन्य इकाइयों के साथ मित्र विदेशी देशों के विमानों के साथ जहाज भी भाग लेंगे। इसमें बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास, उन्नत वायु रक्षा अभियान, पनडुब्बी रोधी युद्ध और सतह रोधी ऑपरेशन शामिल होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/पवन

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story