(अपडेट)बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह ने किए भगवान महाकाल के दर्शन

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उज्जैन, 19 दिसंबर (हि.स.)। बिहार सरकार की खेल एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्रेयसी सिंह ने मध्य प्रदेश प्रवास के दौरान शुक्रवार को सुबह परिवार सहित उज्जैन पहुंचकर विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर के दर्शन किया। वे भगवान महाकाल की भस्म आरती में भी शामिल हुईं। दर्शन उपरांत श्रेयसी सिंह का महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की ओर से सहायक प्रशासक आशीष फलवाडिया द्वारा उनका सम्मान एवं अभिनंदन किया गया।

दरअसल, बिहार की खेल मंत्री श्रेयसी सिंह इन दिनों मध्य प्रदेश के प्रवास पर हैं। वे शुक्रवार तड़के करीब चार बजे महाकाल मंदिर पहुंची, नंदी हाल में बैठकर उन्होंने भगवान महाकाल की आरती देखी और भगवान महाकाल का आशीर्वाद लिया। आरती के उन्होंने देहरी से भगवान महाकाल के दर्शन किए। महाकाल मंदिर की साफ़ सफाई और मंदिर समिति की व्यवस्था की तारीफ़ की। उन्होंने दर्शन पश्चात मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे बिहार और पूरे देश की समृद्धि की कामना करती है। बाबा महाकाल का बुलावा आया और दर्शन किये। मेरे लिए यह बहुत ही अद्भुत था। उन्होंने कहा कि बिहार की बेटी होने के नाते में सभी को पावन धरती पर आने का आग्रह करती हूं।

भस्म आरती में चन्दन आभूषण से राजा स्वरूप में हुआ भगवान महाकाल का श्रृंगारमध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार तड़के परंपरागत विधि-विधान के साथ भस्म आरती संपन्न हुई। भस्म आरती में बाबा महाकाल का चंदन आभूषण से राजा स्वरूप में आलौकिक श्रृंगार हुआ। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान के इस दिव्य स्वरूप से दर्शन किए।

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि पौष माह कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर शुक्रवार सुबह 4 बजे भस्म आरती हुई। सुबह मंदिर के कपाट स्वस्ति वाचन और घंटी-नाद के बीच खोले गए। सभा मंडप स्थित चांदी के पट खोलकर गर्भगृह के पट खोले गए, जहां पुजारियों ने भगवान महाकाल का श्रृंगार उतारकर पंचामृत पूजन किया और कर्पूर आरती संपन्न कराई। इसके बाद नंदी हाल में नंदी महाराज का स्नान, ध्यान और पूजन किया गया। भगवान महाकाल का पहले जल से अभिषेक किया गया, फिर दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से विधिवत पूजन हुआ। रजत चंद्र, त्रिशूल मुकुट और आभूषण अर्पित कर भगवान का राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया। भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट और भस्म अर्पित की गई।

भगवान महाकाल को शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों की माला धारण कराई गई। फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। महा निर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई। मान्यता है कि भस्म अर्पण के बाद भगवान महाकाल निराकार से साकार स्वरूप में भक्तों को दर्शन देते हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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