मप्र सरकार ने उज्जैन का लैंड पूलिंग एक्ट लिया वापस, आदेश जारी
भोपाल, 16 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन सिंहस्थ क्षेत्र में जमीनों के स्थाई अधिग्रहण को लेकर लाया गया लैंड पूलिंग एक्ट वापस ले लिया है। विधायकों और भारतीय किसान संघ के लगातार विरोध के बाद सरकार ने यह फैसला किया है। मंगलवार देर शाम नगरीय विकास एवं आवास विभाग की ओर से इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
दरअसल, लैंड पूलिंग एक्ट के तहत सरकार विकास परियोजनाओं के लिए किसानों से जमीन लेती है, फिर उसी क्षेत्र को विकसित कर उसका एक हिस्सा वापस मालिकों को प्लॉट या विकसित भूमि के रूप में देती है। सरकार का दावा रहा कि इससे किसानों को जमीन का बेहतर मूल्य और शहर को सुनियोजित विकास मिलता है, लेकिन उज्जैन में इस एक्ट को लेकर किसानों की आपत्ति यह रही कि जमीन देने की प्रक्रिया स्वैच्छिक नहीं लगी, विकसित जमीन कब और कितनी मिलेगी, इस पर स्पष्टता नहीं दिखी ।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ और महाकाल लोक से जुड़े क्षेत्रों में जमीनों की कीमत बहुत अधिक है, ऐसे में किसान नुकसान की आशंका जता रहे थे। कुछ गांवों में बिना पर्याप्त सहमति के सर्वे और नोटिस की बात सामने आई। इन्हीं कारणों से उज्जैन में लैंड पूलिंग एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन, ज्ञापन और जनप्रतिनिधियों पर दबाव बढ़ा। उज्जैन उत्तर से भाजपा विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा ने 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर इस विवाद की ओर ध्यान दिलाया था। अपने पत्र में उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उज्जैन में लैंड पूलिंग एक्ट को लेकर आम नागरिकों और किसानों में असंतोष है।
पत्र में विधायक ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि उज्जैन में लैंड पूलिंग को जबर्दस्ती लागू न किया जाए। किसानों और जमीन मालिकों की सहमति और भरोसा प्राथमिक शर्त हो। सिंहस्थ 2028 और धार्मिक महत्व वाले क्षेत्रों में जमीन नीति को लेकर अलग और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाया जाए। किसी भी योजना से पहले स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रभावित लोगों से व्यापक संवाद किया जाए।
दूसरी ओर, उज्जैन में भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने लैंड पुलिंग एक्ट के खिलाफ बड़ा आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया था। संघ ने कहा था कि 26 दिसंबर से प्रशासनिक संकुल भवन पर ‘घेरा डालो-डेरा डालो’ आंदोलन शुरू किया जाएगा, जो तब तक चलेगा जब तक यह एक्ट पूरी तरह वापस नहीं लिया जाता। मध्य प्रदेश सरकार ने लगातार हो रहे विरोध के बाद उज्जैन में लैंड पूलिंग एक्ट को वापस लेने का फैसला किया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

