ज्योतिष महाधिवेशन में छाया रहा लव जिहाद का मुद्दा, ज्योतिषियों ने बताए इससे बचने के उपाय
- उज्जैन में दो दिवसीय ज्योतिष महाधिवेशन संपन्न, देशभर के 500 से अधिक विद्वान हुए शामिल
उज्जैन, 22 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित कालिदास संस्कृत अकादमी में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय ज्योतिष महाधिवेशन का सोमवार को सामाजिक सरोकारों पर केंद्रित विमर्श और प्रस्तावों के साथ समापन हुआ। देशभर से आए 500 से अधिक विद्वानों और ज्योतिषाचार्यों ने सम्मेलन में भाग लिया। महाधिवेश में लव जिहाद का मुद्दा छाया रहा। इस दौरान ज्योतिषियों ने बेटियों को लव जिहाद से बचाने के ज्योतिष संगत उपाय भी बताए। ज्योतिषियों ने कुंडली में शुक्र-चंद्रमा के साथ छठें, आठवें या बारहवें स्थान पर होने, शनि-चंद्रमा और केतु गृह के एक साथ बैठने पर लव जिहाद का काल बनने का दावा कर उससे बचने के उपाय बताए।
महाधिवेशन में वक्ताओं ने वर्तमान समय में सामने आ रहे सामाजिक मामलों, विशेषकर युवाओं से जुड़े संबंधों और विवाह पूर्व सतर्कता जैसे मुद्दों पर चर्चा की। महाधिवेशन के दूसरे दिन सोमवार को आयोजित सत्रों में वक्ताओं ने कहा कि बदलते सामाजिक परिदृश्य में केवल कानूनी उपाय पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि परिवार और समाज की जागरूकता भी उतनी ही आवश्यक है। ज्योतिषाचार्यों ने विवाह पूर्व कुंडली मिलान को केवल गुण-दोष तक सीमित न रखते हुए, पारिवारिक पृष्ठभूमि, संस्कार और जीवन मूल्यों को समझने का माध्यम बताया।
वक्ताओं का कहना था कि सनातन परंपरा में कुंडली मिलान का उद्देश्य केवल भविष्यवाणी नहीं, बल्कि दो परिवारों के बीच सामंजस्य और विश्वास की स्थापना रहा है। कुछ वक्ताओं ने यह दावा भी किया कि पहचान छुपाकर संबंध बनाने जैसे मामलों में अभिभावकों की भूमिका अहम हो जाती है। उनके अनुसार, यदि विवाह या संबंध से पहले योग्य सलाह ली जाए तो कई प्रकार की सामाजिक और पारिवारिक जटिलताओं से बचा जा सकता है। इसी क्रम में कुछ वक्ताओं ने ज्योतिष शास्त्र को सामाजिक सुरक्षा के एक माध्यम के रूप में प्रस्तुत किया।
ज्योतिष सम्मेलन में नेपाल से तंत्र विद्या के जानकार चुरामणि पांडेय, इंदौर से ज्योतिष शिव मेहता, राजस्थान से जयंत कीर्ति,खरगोन से बसंत सोनी, उज्जैन से कीर्ति व्यास, दिल्ली से एसएच रावत, दिल्ली से राजेश शर्मा मानवेन्द्र रावत मुख्य रूप से कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान ज्योतिर्विज्ञान के विद्यार्थियों ने अपना-अपना शोध पड़ा।
कार्यक्रम के दौरान वैवाहिक जीवन, कुंडली मिलान, उसमे दोष,हस्त रेखा पर भी चर्चा हुई लेकिन लव जिहाद को लेकर भी ज्योतिषियों ने चर्चा की। ये पहली बार था जब ज्योतिष सम्मेलन में लव जिहाद को लेकर बात उठी और ज्योतिषियों ने इससे बचने के उपाय भी बताए। खरगोन से कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए ज्योतिष डॉ. बसंत सोनी ने मंच से लव जिहाद को लेकर अपनी बात रखी और उन्होंने लड़कियों की कुंडली में दोष दिखाने पर जोर देते हुए उसके उपाय भी बताए। सोनी ने कहा कि कुंडली दोष हो तो हनुमान चालीसा का पाठ और अध्यात्म के ज्ञान से इसे दूर किया जा सकता है।
बसंत सोनी ने कहा कि रिसर्च में सामने आया है की 1500 लड़कियों को रोजाना लव जिहाद में फंसाया जाता है। पढ़ी लिखी लड़कियां ज्यादा फंस रही हैं। इनकी कुंडलियों पर रिसर्च किया, जिनकी कुंडली के अंदर शुक्र- च्रदमा के साथ बैठा हो, शुक्र छठें, आठवें या बारहवें स्थान पर हो उसके साथ शनि-चंद्रमा और केतु गृह बैठा हो तो उसकी बुद्धि खराब होती है। जिससे लड़की कम समय में लोगों की बातों में आ जाती है। माता-पिता को अपने बच्चो की कुंडली दिखाकर पूछना चाहिए की ये किसी लव जिहाद में तो नहीं फंस रहे हैं। इससे बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ रोजाना कराएं। आंखों में सुरमा लगाए लड़कों के चक्रव्यूह से बचने के लिए एक मात्र हनुमान चालीसा का पाठ और धर्म शास्त्र के अध्ययन कर बचा जा सकता है अलग-अलग छात्रों ने अपना शोध पड़ा।
महाकाल की नगरी में आयोजित इस महाधिवेशन का निष्कर्ष यह रहा कि आधुनिक जीवनशैली के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी और पारिवारिक संवाद को मजबूत करना आवश्यक है। ज्योतिषाचार्यों ने कहा कि ज्योतिष को केवल धार्मिक कर्मकांड तक सीमित न रखकर, सामाजिक चेतना और मार्गदर्शन के रूप में भी देखा जाना चाहिए।
सम्मेलन में पारित प्रमुख प्रस्ताव
- धर्म रक्षण और जागरूकता: युवाओं को सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर संवाद।- निशुल्क परामर्श: पारिवारिक भ्रम या धोखे की आशंका वाले मामलों में मार्गदर्शन।- जागरूकता अभियान: शैक्षणिक संस्थानों के आसपास सामाजिक-संस्कार आधारित कार्यशालाएं आयोजित करने का प्रस्ताव।
---------------------
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

