त्रिपुरा टूरिज्म प्रतिनिधमंडल ने समझी मप्र पर्यटन विकास निगम की कार्यप्रणाली
- ग्रामीण पर्यटन, होमस्टे मॉडल और फिल्म टूरिज्म को विकसित करने के लिए प्राप्त किया मार्गदर्शनभोपाल, 18 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में तेजी से विकसित हो रहे पर्यटन ढांचे, बढ़ती पर्यटक संख्या और नवाचार आधारित पर्यटन विकास मॉडल देशभर में आकर्षण का केंद्र बन रहा है। त्रिपुरा टूरिज्म के प्रतिनिधमंडल ने मप्र की राजशानी भोपाल पहुंचकर पर्यटन विकास निगम की कार्यप्रणाली का जाना और समझा।
त्रिपुरा अर्बन एंड टूरिज्म डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (टीयूटीडीपी) के अंतर्गत त्रिपुरा टूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (टीटीडीसीएल) का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राजधानी भोपाल स्थित मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड और पर्यटन भवन पहुंचा। निगम के प्रबंध संचालक डॉ. इलैया राजा टी. से त्रिपुरा टूरिज्म के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत बादल नेगी ने विस्तृत चर्चा की। मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के अपर प्रबंध संचालक डॉ. अभय अरविंद बेड़ेकर ने प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया और त्रिपुरा में पर्यटन के विकास के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि ज्ञान-साझाकरण आधारित ऐसे अध्ययन दौरों से राज्यों के बीच पर्यटन विकास की नई संभावनाएँ और साझेदारी मजबूत होती है।
त्रिपुरा टूरिज्म के प्रतिनिधिमंडल ने मध्य प्रदेश के पर्यटन मॉडल का विस्तृत अध्ययन किया। प्रतिनिधिमंडल ने मध्य प्रदेश की ग्रामीण पर्यटन मॉडल, होमस्टे नीति, फिल्म टूरिज्म पॉलिसी, तथा सेफ एंड सस्टेनेबल टूरिज्म जैसे नवाचारों में विशेष रुचि दिखाई और त्रिपुरा में विकसित करने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त किया। नेगी ने बताया कि जिस प्रकार मध्य प्रदेश में महाकाल लोक के विकास के बाद धार्मिक पर्यटन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, उसी प्रकार त्रिपुरा में भी 51 शक्तिपीठों में से एक ‘मालाबाड़ी शक्तिपीठ’ (त्रिपुरेश्वरी) के विकास का कार्य प्राथमिकता पर लिया जाएगा।
मध्य प्रदेश की ग्रामीण पर्यटन पहल, होमस्टे ईकोसिस्टम, सरल शूटिंग अनुमति व्यवस्था और सामुदायिक भागीदारी मॉडल से प्रभावित प्रतिनिधिमंडल ने इसे त्रिपुरा में लागू करने की इच्छा व्यक्त की। यह दौरा दोनों राज्यों के बीच पर्यटन क्षेत्र में सहयोग और सतत पर्यटन विकास के नए अवसरों को गति देगा।
त्रिपुरा टूरिज्म के प्रतिनिधिमंडल में एक्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर उत्तम पाल, एक्ज़ीक्यूटिव इंजीनियर सुनील पोद्दार, जूनियर इंजीनियर सुनंदा पॉल, जूनियर इंजीनियर झुतन दास, जूनियर इंजीनियर देबब्रत दास, डिप्टी प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर तन्मय दाश, तथा ऑफिस मैनेजर-कम-अकाउंटेंट कुंतल भौमिक शामिल रहे।
साझा की नवाचारों की जानकारीप्रतिनिधिमंडल ने ‘पर्यटन भवन’ पहुंचकर मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम की प्रशासनिक संरचना एवं निगम द्वारा किए जा रहे नवाचारों की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने पर्यटकों के लिए जंगल भ्रमण हेतु ट्रेक्स क्रूजर एवं कैंटर बसों के संचालन, भोपाल स्थित बोट क्लब में 20 शिकारा बोट, चप्पू बोट तथा 5 नई वॉटर साइकिल के संचालन के बारे में अवगत कराया। साथ ही प्रतिनिधिमंडल को प्रदेश में निगम द्वारा संचालित होटल, रिसॉर्ट, बोट क्लब, नए होटल परियोजनाओं एवं हाल ही में निर्मित उज्जैन के हेरिटेज होटल ‘सम्राट विक्रमादित्य’, शहडोल स्थित ‘सरसी आइलैंड रिसॉर्ट’ तथा पचमढ़ी में पूर्णत: महिलाओं द्वारा संचालित प्रदेश के एकमात्र होटल अमलतास के संचालन, के साथ नव श्रृंगारित ‘होटल नीलांबर स्काई लाइन’ की जानकारी दी।
इसके अतिरिक्त, माइस (एमआइसीइ) टूरिज्म के अंतर्गत भोपाल स्थित ‘कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर’ एवं खजुराहो स्थित ‘महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर’ के संचालन तथा इनमें आयोजित होने वाले वृहद आयोजनों के बारे में भी विस्तार से बताया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

