इंदौर एयरपोर्ट को एक करोड़ यात्रियों की क्षमता का बनाने की तैयारी, सांसद की पहल पर हुई अहम बैठक
इंदौर, 22 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल को एक करोड़ क्षमता का एयरपोर्ट बनाने की तैयारी की जा रही है। इसी क्रम में क्षेत्रीय सांसद शंकर लालवानी की पहल पर इंदौर एयरपोर्ट के विकास को लेकर सोमवार को एयरपोर्ट परिसर में एक अहम बैठक हुई। बैठक का उद्देश्य यात्रियों को हो रही असुविधाओं का समाधान और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट के दीर्घकालिक विकास की रूपरेखा तय करना था।
बैठक में सांसद शंकर लालवानी की पहल पर दिल्ली से एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के वरिष्ठ अधिकारी शरद कुमार (ऑपरेशन एवं प्लानिंग) तथा अनुराग मिश्रा विशेष रूप से इंदौर पहुंचे और एयरपोर्ट की वर्तमान व्यवस्थाओं, चल रहे कार्यों और प्रस्तावित विकास योजनाओं को लेकर विस्तृत चर्चा की। इससे पहले नार्थ इंडिया इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के प्रमुख भी इंदौर का दौरा कर चुके हैं। बैठक में कलेक्टर शिवम वर्मा, अपर कलेक्टर रोशन राय, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर अमित सिंह, इंदौर एयरपोर्ट के प्रबंधक सुनील मग्गेरवार, एयरपोर्ट सलाहकार समिति के सदस्य बंटी गोयल, कपिल जैन, सावन लड्ढा, तपन अग्रवाल सहित एयरपोर्ट प्रशासन, स्थानीय अधिकारी और संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह बैठक हाल ही में सांसद शंकर लालवानी द्वारा नई दिल्ली में नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू से की गई मुलाकात के बाद आयोजित की गई। उस मुलाकात में इंदौर एयरपोर्ट पर बढ़ते यात्री दबाव, पार्किंग, सुरक्षा जांच, टर्मिनल क्षमता और भविष्य की चुनौतियों को लेकर चर्चा हुई थी। केन्द्रीय मंत्री के निर्देशों के बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारी इंदौर पहुंचे और मौके पर स्थिति का आंकलन किया। बैठक में एयरपोर्ट की मौजूदा समस्याओं के साथ-साथ सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखते हुए एयरपोर्ट से जुड़े दीर्घकालिक प्रोजेक्ट्स को अंतिम रूप देने पर विशेष फोकस रहा। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा प्रस्तुत एजेंडा के अनुसार मल्टी लेवल कार पार्किंग के निर्माण, प्री-एंबार्केशन सिक्योरिटी चेक प्वाइंट के विस्तार, ट्रैफिक कंजेशन कम करने के लिए नए व्हीकुलर लेन, नया टर्मिनल भवन, प्रशासनिक भवन, रनवे विस्तार और पैरेलल टैक्सीवे जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक में बताया गया कि वर्तमान में इंदौर एयरपोर्ट की सालाना यात्री क्षमता लगभग 40 लाख यात्रियों की है। प्रस्तावित मास्टर प्लान के तहत इसे पहले चरण में बढ़ाकर एक करोड़ यात्रियों तक और दूसरे चरण में ढाई करोड़ यात्रियों की सालाना क्षमता तक ले जाने की तैयारी है। इसके लिए लगभग 89 एकड़ अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता होगी। अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में पार्किंग क्षेत्र पर अत्यधिक दबाव है, जिससे यात्रियों को टर्मिनल में प्रवेश और निकास के दौरान परेशानी होती है। इसके समाधान के लिए मल्टी लेवल कार पार्किंग के निर्माण को प्राथमिकता देने पर सहमति बनी। इसके निर्माण से पार्किंग की समस्या में राहत मिलने और पीक आवर्स के दौरान ट्रैफिक दबाव कम होने की उम्मीद है।
बैठक में सुरक्षा जांच व्यवस्था को लेकर भी अहम चर्चा हुई। पीक आवर्स में यात्रियों की लंबी कतारों को कम करने के लिए सांसद लालवानी ने सुझाव दिया कि इंदौर एयरपोर्ट पर सिक्योरिटी जांच के लिए चार गेट ऊपर और चार गेट नीचे उपलब्ध हैं, लेकिन फिलहाल पूरा यात्री दबाव ऊपर के गेट्स पर ही रहता है। उन्होंने कहा कि नीचे से जाने वाले यात्रियों की सिक्योरिटी जांच नीचे ही की जाए, ताकि भीड़ का संतुलन बने और अव्यवस्था कम हो, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए। बैठक में रनवे को वर्तमान 2754 मीटर से बढ़ाकर 3500 मीटर करने, रडार सिस्टम की स्थापना, मेट्रो कनेक्टिविटी, ट्रैफिक मूवमेंट के लिए अलग एंट्री-एग्जिट सिस्टम, एयरपोर्ट के आसपास आवारा कुत्तों की समस्या और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े विषय भी प्रमुख एजेंडा में शामिल रहे।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि एयरपोर्ट पर वीआईपी मूवमेंट के कारण आम यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए वीआईपी मूवमेंट को पूरी तरह अलग टर्मिनल से संचालित करने के विकल्प पर भी विचार किया गया। सांसद लालवानी ने बैठक के दौरान कुछ कार्यों की धीमी रफ्तार पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहा कि एटीआर के लिए पुराने टर्मिनल से संचालन की जो तैयारी थी, वह अब तक पूरी हो जानी चाहिए थी। इसके अलावा रनवे के कारपेटिंग कार्य की धीमी प्रगति पर भी उन्होंने असंतोष व्यक्त किया और अधिकारियों से कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।
लालवानी ने कहा कि इंदौर एक तेजी से बढ़ता हुआ शहर है और यहां एयर ट्रैफिक लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एयरपोर्ट का विकास केवल वर्तमान जरूरतों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि अगले 25 वर्षों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए, ताकि यात्रियों को बार-बार असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने यह भी कहा कि नागरिक उड्डयन मंत्री से मुलाकात के बाद अधिकारियों का इंदौर आना इस बात का संकेत है कि केंद्र सरकार इंदौर एयरपोर्ट के विकास को लेकर गंभीर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बैठक के बाद ठोस निर्णय लिए जाएंगे और यात्रियों को जल्द राहत मिलेगी।
एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि बैठक में सामने आए सभी बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिन विषयों में राज्य सरकार या स्थानीय प्रशासन के सहयोग की आवश्यकता होगी, उनके लिए समन्वय स्थापित किया जाएगा। पीडीएफ में दी गई टाइमलाइन के अनुसार विभिन्न परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से निर्धारित समय-सीमा में पूरा करने की योजना है।
एयरपोर्ट सलाहकार समिति के सावन लड्ढा ने सुझाव दिए कि सूरत, कोची, गुवाहाटी और अमृतसर के लिए फ्लाइट शुरू की जाए। साथ ही इंटरनेशनल कनेक्टविटी बेहतर करने की आवश्यकता है। समिति के तपन अग्रवाल ने कहा कि एयरपोर्ट लाऊंज बेहतर करने की जरुरत है।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

