स्वच्छ सर्वेक्षण 2023: ओडीएफ और स्टार रेटिंग में मध्यप्रदेश ने फिर फहराया परचम

स्वच्छ सर्वेक्षण 2023: ओडीएफ और स्टार रेटिंग में मध्यप्रदेश ने फिर फहराया परचम
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स्वच्छ सर्वेक्षण 2023: ओडीएफ और स्टार रेटिंग में मध्यप्रदेश ने फिर फहराया परचम


- इंदौर, भोपाल, महू कैंट, अमरकंटक, नौरोजाबाद एवं बुधनी को राष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा सम्मानित

भोपाल, 7 जनवरी (हि.स.)। केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के परिणामों की अधिकृत घोषणा की गई है। इसके अनुसार राज्य के इंदौर, भोपाल, महू कैंट, अमरकंटक, नौरोजाबाद एवं बुधनी को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इसके अलावा राज्य के रूप में मध्यप्रदेश को भी सम्मानित किया जाएगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दिल्ली में 11 जनवरी को सम्मानित करेंगी। यह जानकारी रविवार को जनसम्पर्क अधिकारी मुकेश मोदी ने दी।

उन्होंने बताया कि शनिवार देर रात जारी स्वच्छ सर्वेक्षण परिणामों में खुले में शौच से मुक्त ओडीएफ और कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग के परिणाम भी जारी कर दिए गए हैं। इन परिणामों के अनुसार मध्यप्रदेश के शहरों ने एक बार फिर बड़ी उपलब्धि हासिल है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 में मध्यप्रदेश के 378 शहरों ने भाग लिया था।

उन्होंने बताया कि ओडीएफ डबल प्लस का सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले निकायों की संख्या अब बढ़कर 361 हो गई है। यह पिछले वर्ष तक 324 थी। इसके अलावा मलजल प्रबंधन के लिए प्राप्त होने वाले वॉटर प्लस प्रमाणीकरण में प्रदेश के 6 शहरों को इस साल यह प्रतिष्ठित प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ है। पिछले वर्ष मध्यप्रदेश के सिर्फ इंदौर और भोपाल शहरों को यह सम्मान मिला था। इस प्रकार अब प्रदेश के इंदौर, भोपाल, देवास, उज्जैन, ग्वालियर, बुधनी, और धरमपुरी शहरों को यह सम्मान मिला है। प्रदेश में खुले में शौच को स्थाई रूप से रोकने के लिए प्रदेश के 5 लाख 79 हजार से अधिक जरूरतमंद परिवारों को व्यक्तिगत शौचालय तैयार कर प्रदान किए गए हैं। साथ ही प्रदेश में 2500 से अधिक सार्वजनिक शौचालय कॉम्पलेक्स का निर्माण भी कराया गया है।

इसी प्रकार स्टार रेटिंग के कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग भी एक प्रतिष्ठित प्रमाणीकरण है। जिसमें मध्यप्रदेश के 158 शहरों को यह प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ। विगत वर्ष यह प्रमाणीकरण सिर्फ 99 शहरों को प्राप्त हुआ था। इसके अलावा इंदौर को 7 स्टार शहर और भोपाल को 5 स्टार शहर का दर्जा प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश शहरी स्वच्छता के क्षेत्र में पिछले 5 वर्षों से निरंतर कार्य कर रहा है।

स्वच्छता हमारे लिये संकल्प

नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि स्वच्छता हमारे लिए एक संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से प्रेरणा लेकर हम इस संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं। हमारे शहर निरंतर मेहनत कर रहे हैं। इसके अलावा प्रदेश की स्वच्छता में हमारे सफाई मित्रों, आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने बढ़ चढ का साथ दिया। हम मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश की स्वच्छता, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए कटिबद्ध हैं।

स्टार रेटिंग में श्रेष्ठ प्रदर्शन

नगरीय आवास एवं विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने कहा है कि हमने प्रदेश की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। हमने प्रदेश में स्वच्छता अधोसंरचना विकास, टीम के क्षमतावर्धन के साथ जनसहभागिता पर जोर दिया था। ओडीएफ और स्टार रेटिंग के परिणामों में प्रदेश का श्रेष्ठ प्रदर्शन हमें और भी बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहा है।

सफाई मित्रों और सहयोगियों की कड़ी मेहनत

नगरीय प्रशासन एवं विकास आयुक्त भरत यादव ने कहा कि हमारे सभी शहरों की टीम, सफाई मित्रों और सहयोगियों ने बहुत मेहनत की है। इसके अलावा नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने बढ़ चढ का साथ दिया। उन्होंने नागरिकों, संगठनों, जनप्रतिनिधियों, सहयोगियों व निकायों की टीम को शुभकामनाएं दी।

मिशन संचालक शिवम वर्मा ने इस उपलब्धि पर कहा कि हमने अपनी रणनीति में निकायों को सहयोग एवं जनसहभागिता पर जोर दिया था। प्रदेश के 361 निकायों को ओडीएफ डबल प्लस, 7 को वॉटर प्लस के साथ 158 निकायों को स्टार रेटिंग सर्टिफिकेशन मिलना प्रसन्नता का विषय है।

क्या होता है ओडीएफ प्रमाणीकरण

ओडीएफ अर्थात खुले में शौच से मुक्ति, इस हेतु तीन इंडीकेटर बनाए गए जिन्हें हम ओडीएफ प्लस, ओडीएफ डबल प्लस और वॉटर प्लस के नाम से जानते हैं। ओडीएफ प्लस के प्रमाणीकरण के लिये शहर में लक्षित व्यक्तिगत शौचालयों का 100 प्रतिशत निर्माण, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के साथ 10 प्रतिशत सार्वजनिक शौचालयों में विश्वस्तरीय सुविधाएं एवं शेष 90 प्रतिशत में समस्त आधारभूत सुविधाएं होना चाहिए। ओडीएफ डबल प्लस के प्रमाणीकरण हेतु 100 प्रतिशत लक्षित व्यक्तिगत शौचालय, सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण के साथ 50 प्रतिशत सार्वजनिक शौचालयों में विश्वस्तरीय सुविधाएं एवं शेष 50 प्रतिशत में समस्त आधारभूत सुविधा होना चाहिये। वॉटर प्लस प्रमाणीकरण के लिए किसी भी शहर में ओडीएफ डबल प्लस के प्रोटोकॉल को पूरी तरह से लागू होने के साथ-साथ शहर में उपयोगित जल का प्रबंधन किया जाना अनिवार्य होता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/वीरेन्द्र

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