भारत की कला, परंपराओं और कहानियों के जीवंत सूत्र पेश करेगा आईजीएनसीए, प्रसार भारती के साथ करार
नई दिल्ली, 25 मई (हि.स.)। देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) ने एक अनूठी पहल की शुरुआत की है। भारत की सांस्कृतिक समृद्धि तथा विविधता और इसे जीवित रखने और जनता तक पहुंचाने के लिए आईजीएनसीए दूरदर्शन पर यह साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू कर रहा है। इस संबंध में आईजीएनसीए ने प्रसार भारती के साथ साझेदारी की है। यह कार्यक्रम हर रविवार को दूरदर्शन के चैनल डीडी भारती पर प्रसारित किया जाएगा।
आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने शनिवार को कहा कि इस समझौते का लक्ष्य इस साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भारत की समृद्ध संस्कृति के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित करना है। उन्होंने कहा कि भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विविधता अद्वितीय है, और इसे जीवित रखने और जनता तक पहुंचाने के लिए दूरदर्शन पर यह साप्ताहिक सांस्कृतिक कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। हमने प्रसार भारती के साथ साझेदारी की है। आईजीएनसीए का मीडिया सेंटर इस काम को अंजाम देगा और हर हफ्ते भारत की कला, परंपराओं और कहानियों के जीवंत सूत्र पेश करेगा।
उल्लेखनीय है कि आईजीएनसीए हाल ही में देश के नए संसद भवन की संपूर्ण कलाकृति सहित अपने महत्वपूर्ण योगदान के लिए सुर्खियों में रहा है। हाल ही में संस्था ने जी-20 शिखर सम्मेलन में नटराज की प्रतिमा के निर्माण, सेनगोल की ऐतिहासिकता का मूल्यांकन और नए संसद भवन में इसे स्थापित करने के लिए तथ्यों के संग्रह में भी योगदान दिया। आईजीएनसीए संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान के रूप में कार्य करता है। संस्था न केवल कला, मानविकी और संस्कृति से संबंधित नियमित शैक्षणिक कार्य करती है बल्कि आधुनिक विज्ञान और कला और संस्कृति के बीच बौद्धिक अंतर को पाटने के लिए कला और आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बीच संवाद को भी बढ़ावा देती है।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल
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