जबलपुर में विस्फोट व आग लगने का सीन क्रिएट कर की गई मॉक ड्रिल

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जबलपुर में विस्फोट व आग लगने का सीन क्रिएट कर की गई मॉक ड्रिल


जबलपुर में विस्फोट व आग लगने का सीन क्रिएट कर की गई मॉक ड्रिल


जबलपुर में विस्फोट व आग लगने का सीन क्रिएट कर की गई मॉक ड्रिल


जबलपुर में विस्फोट व आग लगने का सीन क्रिएट कर की गई मॉक ड्रिल


जबलपुर, 07 मई (हि.स.)। कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना के निर्देशन में बुधवार को सिविक सेंटर स्थित समदड़िया मॉल में नागरिकों की सुरक्षा के लिए शाम 4 बजे मॉक ड्रिल का आयोजन कर आपात हालातों से निपटने की रिहर्सल की गई। मॉक ड्रिल के दौरान प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारियों के साथ फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, बिजली विभाग, बम डिस्पोजल स्क्वाड आदि टीमों ने मॉक ड्रिल में हिस्सा लिया। मॉक ड्रिल के दौरान जबलपुर के सबसे बड़े मॉल में विस्फोट का सीन क्रिएट किया गया। मॉक ड्रिल में घातक बमों को खोजने से लेकर घायलों को अस्पताल पहुंचाने, आग पर काबू पाने सहित कानून व्यवस्था के हालातों को मॉक ड्रिल के जरिए परखने की कोशिश की गई।

देशव्यापी मॉक ड्रिल के तहत जबलपुर के चार जगहों पर मॉक ड्रिल किया गया। जिसमें समदडि़या मॉल के अलावा गारमेंट कलस्‍टर गोहलपुर में शाम 5.15 बजे बम होने की सूचना पर बम डिस्‍पोजल टीम नागरिकों की सुरक्षा के लिए किये जाने वाले सभी उपाय किये गये। जिले में सिहोरा में शाम 6 बजे और पुराना गोरखपुर थाना में शाम 7.30 बजे मॉक ड्रिल कर नागरिकों को आपात स्थिति से बचने के लिए जागरूक किया गया। मॉक ड्रिल के समय कलेक्टर दीपक सक्सेना, एसपी संपत उपाध्याय सहित आला अधिकारी मौजूद थे। वहीं सिविल डिफेंस और अन्य संगठनों के वॉलिंटियर्स ने भी सहभागिता की।

मॉक ड्रिल के दौरान जिले में हुआ कम्‍प्‍लीट ब्‍लैक आउट

आपदा की स्थिति में नागरिक सुरक्षा को लेकर शासन द्वारा प्राप्‍त निर्देशानुसार बुधवार को जबलपुर में चार जगह मॉक ड्रिल कर लोगों को जागरूक किया गया। गोरखपुर पुराना थाना में आज शाम 7.30 बजे ब्‍लैकआउट के साथ मॉक ड्रिल किया गया। उप पुलिस अधीक्षक आनंद कलादगी ने मॉकड्रिल के पहले स्थल पर मौजूद सभी वॉलेंटियर्स को मॉक ड्रिल के बारे में आवश्‍यक निर्देश दिये। चूंकि यह मॉक ड्रिल शाम 7.30 बजे से शुरू हुआ था और उसी वक्‍त ब्‍लैकआउट का समय भी था। ब्‍लैक आउट शाम 7.30 बजे से 7.42 तक रहा, जिसमें लोगों ने स्‍वविवेक से अपने-अपने घरों के बाहर की, दुकानों की, सड़क में चल रहे वाहनों की तथा शासकीय- अशासकीय संस्‍थाओं में निर्धारित समय में लाईट बंद कर दी गई। ताकि आपदा के समय छदम रूप से इसे आवासीय क्षेत्र प्रकट करना नहीं था। आम जन को आपदा के दौरान सुरक्षा व सावधानी रखने के लिए गोरखपुर थाना से पहले सिविक सेंटर में स्थित समदडि़या मॉल और गोरखपुर में स्थित गारमेंट कलस्‍टर में भी मॉक ड्रिल किया गया। इस दौरान स्‍थानीय जनप्रतिनिधियों का सहयोग रहा।

नागरिक सुरक्षा के लिए मॉक ड्रिल: कलेक्टर सक्सेना

इससे पहले कलेक्टर दीपक सक्सेना की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट में नागरिक सुरक्षा के लिए आयोजित मॉक ड्रिल के संबंध में जनप्रतिनिधियों की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मॉक ड्रिल के उद्देश्य और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि मॉक ड्रिल एक पूर्व अभ्यास है जिसका उद्देश्य नागरिकों की आपातकालीन तैयारियों को परखना है, ताकि संकट के समय नागरिक घबराएं नहीं। इस दौरान युद्ध, आतंकी हमले, भूकंप, आग, भीषण दुर्घटना, रासायनिक दुर्घटना आदि से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियों का अभ्यास किया जाता है।

उन्होंने इस दौरान की गतिविधियों के संबंध में कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान हमले का सायरन बजाया जाएगा, जो नागरिकों को सावधान करेगा। इसके अलावा ब्लैक आउट करने का भी अभ्यास किया जाएगा, जिसमें घरों, दुकानों, कार्यालयों और विभिन्न संस्थानों से रोशनी बाहर नहीं जाने दी जाएगी। सड़क पर चल रहे वाहनों को रोका कर उनकी लाइट्स बंद करनी होंगी।

कलेक्टर ने कहा कि दो मिनट तक एक पैटर्न में सायरन (रेड अलर्ट्स) बजने पर ब्लैक आउट करना होगा। यदि सतत अभ्यास और चेतावनी के बाद भी ब्लैकआउट का पालन नहीं करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध फाइन और अन्य दंडात्मक कार्रवाई की जा सकेगी। कलेक्टर ने इसमें जनप्रतिनिधियों से सुझाव और सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि नागरिक प्रशिक्षण और सहयोग से ही हम नागरिक सुरक्षा को मजबूत बना सकते हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में मॉक ड्रिल के संबंध में सीईओ ने बैठक कर दिए आवश्यक निर्देश

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक गहलोत ने गूगल मीट के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में मॉक ड्रिल की तैयारियों के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। इस दौरान सभी जनपद सीईओ, सहायक यंत्री, उप यंत्री के साथ ग्राम पंचायत के सचिव, जीआरएस और अन्य संबंधित अधिकारी- कर्मचारी गूगल मीट से जुड़े थे। बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी गहलोत ने मॉक ड्रिल के संबंध में महत्वपूर्ण निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि इस दौरान कम्युनिकेशन प्लान स्पष्ट और फास्ट होना चाहिए। प्रशासन द्वारा जो निर्देश दिए जाएं, वे जमीनी अमला तक पहुंचने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आबादी वाले ग्राम में एक वार्डन और 10 वॉलिंटियर चिन्हित किए जाएं। ये वार्डन और वॉलिंटियर मॉक ड्रिल के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके अलावा उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक शेल्टर होम के लिए स्थान चिन्हित किया जाए। यह शेल्टर होम आपातकालीन स्थिति में नागरिकों के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में काम करेगा। साथ ही कहा कि सभी संबंधित अधिकारियों ने मॉक ड्रिल की तैयारी शुरू कर दी है। यह मॉक ड्रिल नागरिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण अभ्यास होगा, जिसमें नागरिकों को आपातकालीन स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया करनी है, इसकी जानकारी दी जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

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