मिग-21 बाइसन ने बाड़मेर में उत्तरलाई शहर के ऊपर आखिरी बार उड़ान भरी

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मिग-21 बाइसन ने बाड़मेर में उत्तरलाई शहर के ऊपर आखिरी बार उड़ान भरी

- उत्तरलाई में कार्यरत 4 नंबर स्क्वाड्रन को अब सुखोई-30 एमकेआई में बदला गया

- आखिरी बार उड़ान भरने वाले मिग-21 बाइसन का साथ लड़ाकू सुखोई-30 ने दिया

नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। रूसी मिग लड़ाकू विमानों के युग के अंत को चिह्नित करते हुए मिग-21 बाइसन ने राजस्थान के बाड़मेर में उत्तरलाई शहर के ऊपर आखिरी बार उड़ान भरी। मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान के लिए वायु सेना स्टेशन उत्तरलाई में कार्यरत 4 नंबर स्क्वाड्रन को अब सुखोई-30 एमकेआई में बदल दिया गया है। इसका जश्न मनाने के लिए वायु सेना स्टेशन में एक समारोह आयोजित किया गया। यहां से आखिरी बार उड़ान भरने वाले मिग-21 बाइसन का साथ सुखोई-30 ने दिया।

विंग कमांडर आशीष मोघे ने बताया कि वायु सेना ने अपने उत्तरलाई एयरबेस से मिग-21 बाइसन की दो स्क्वाड्रन का संचालन जारी रखा है लेकिन अब यहां कार्यरत 4 नंबर स्क्वाड्रन को सुखोई-30 एमकेआई में बदल दिया गया है। इसके लिए एक समारोह आयोजित करके जश्न मनाया गया। वायु सेना ने एक बयान में बताया कि रूसी मिग लड़ाकू विमानों के एक युग का अंत चिह्नित करने के लिए मिग-21 बाइसन विमान ने आखिरी बार राजस्थान के बाड़मेर जिले के उत्तरलाई एयरबेस से उड़ान भरी। इस अवसर को यादगार बनाने के लिए सुखोई-30 एमकेआई ने आसमान में मिग-21 बाइसन का साथ दिया।

भारतीय वायु सेना के बेड़े में मार्च, 1963 में शामिल हुआ पहला सुपरसोनिक विमान मिग-21 अब 60 साल पूरे कर चुका है। देश की सेवा में 50 वर्षों तक रहने के बाद 11 दिसम्बर, 2013 को इसे रिटायर कर दिया गया। हालांकि, 1970 के बाद से मिग-21 सुरक्षा के मुद्दों से इस कदर त्रस्त हो चुका था कि दुर्घटनाओं में 170 से अधिक भारतीय पायलट और 40 नागरिक मारे गए। 1966 से 1984 के बीच 840 विमानों में से लगभग आधे दुर्घटनाओं में क्रैश हो गए। इन विमानों में से अधिकांश के इंजनों में आग लग गई या फिर छोटे पक्षियों से टकराकर नष्ट हुए। मिग-21 के लगातार दुर्घटनाग्रस्त होने पर इसे 'उड़ता ताबूत' कहा जाने लगा था।

वायु सेना के बेड़े से रिटायर किये जाने तक भारत के पास 110 से अधिक मिग-21 बचे थे। आखिरी बार मिग-21 तब सुर्ख़ियों में आया, जब भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान ने 27 फरवरी, 2019 को बालाकोट स्ट्राइक के दौरान इसी विमान से पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया लेकिन पाकिस्तान इससे इनकार करता है। हालांकि, इसी दौरान उनके मिग-21 को भी गोली मार दी गई, जिसकी वजह से विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान पैराशूट से नीचे उतरे। पाकिस्तानी क्षेत्र में लैंड करने के कारण पाकिस्तानी सेना ने उन्हें बंदी बना लिया लेकिन कूटनीतिक दबावों के बाद उन्हें चंद दिन बाद रिहा करना पड़ा।

मिग-21 बाइसन

रूसी कंपनी ने 11,496 मिग-21 विमानों का निर्माण करने के बाद अपने आखिरी मिग-21 को मिग बाइसन के रूप में 1985 में अपग्रेड किया था। इस परिष्कृत मॉडल में पहले वाले मिग-21 वेरिएंट की कई कमियों को दूर किया गया था। इसके बाद रूसी कंपनी ने भारतीय वायुसेना के पास बचे 54 मिग-21 विमानों को भी मिग-21 बाइसन के रूप में अपग्रेड किया। इसलिए भारतीय वायु सेना का मिग-21 अपग्रेड होकर 'मिग-21 बाइसन' हो गया। इस समय भारतीय वायुसेना के पास 54 मिग-21 बाइसन हैं, जो आज भी देश की सेवा कर रहे थे। उत्तरलाई एयरबेस से आज मिग-21 बाइसन की आखिरी उड़ान के साथ इसकी विदाई का रास्ता साफ हो गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/दधिबल

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