गृह मंत्रालय ने गुजरात में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल का गठन किया
-केन्द्र सरकार, आपदा-प्रभावित राज्यों को हरसंभव मदद देने के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध
नई दिल्ली, 01 सितंबर (हि.स.)। गृह मंत्रालय ने गुजरात में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के कार्यकारी निदेशक के नेतृत्व में एक अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दल (आईएमसीटी) का गठन किया है। आईएमसीटी जल्द ही गुजरात के बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करेगी।
25-30 अगस्त के दौरान, राजस्थान और गुजरात के ऊपर बने गहरे दबाव के कारण गुजरात भारी से अत्यंत भारी वर्षा से बुरी तरह प्रभावित हुआ। मध्य प्रदेश और राजस्थान भी भारी से बहुत भारी वर्षा से प्रभावित हुए हैं। इस वर्ष, हिमाचल प्रदेश भी भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से प्रभावित हुआ है। गृह मंत्रालय इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है और अगर वहां से गंभीर नुकसान की सूचना मिलती है तो वहां भी आईएमसीटी भेजी जाएगी। वर्तमान मानसून सीजन के दौरान कुछ अन्य राज्य भी भारी वर्षा, बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन आदि से प्रभावित हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार, आपदा-प्रभावित राज्यों को हरसंभव मदद देने के प्रति पूरी तरह कटिबद्ध है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अगस्त, 2019 में लिए गए एक महत्वपूर्ण निर्णय के तहत गृह मंत्रालय प्रभावित राज्यों से ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बिना नुकसान का मौके पर आंकलन करने के लिए आईएमसीटी का गठन कर देता है। इस वर्ष, गृह मंत्रालय ने आईएमसीटी का गठन किया है, जिन्होंने बाढ़/भूस्खलन-प्रभावित असम, केरल, मिज़ोरम और त्रिपुरा में नुकसान का मौके पर आंकलन करने के लिए ज्ञापन की प्रतीक्षा किए बिना पहले ही दौरा कर लिया है। नागालैंड के लिए भी आईएमसीटी का गठन किया गया है जो जल्द ही राज्य के प्रभावित इलाकों का दौरा करेगी। पहले, आईएमसीटी राज्य सरकार से ज्ञापन प्राप्त होने के बाद ही आपदा प्रभावित राज्यों का दौरा करती थी।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा
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