भोपालः इज्तिमा के तीसरे दिन मौलाना सईद ने दिया रसूल की सुन्नतों पर चलने का संदेश
- दुआ-ए-खास के साथ सोमवार को होगा समापन, विश्वभर से लाखों लोग हुए शामिल
भोपाल, 10 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के ईंटखेड़ी घासीपुरा में चल रहे मुस्लिम समाज के चार दिवसीय विश्व स्तरीय सम्मेलन आलमी तबलीगी इज्तिमा के तीसरे दिन रविवार को मुस्लिम धर्मावलंबियों का हुजूम उमड़ पड़ा। प्रदेश के साथ ही देश के अन्य राज्यों से लोग भी पहुंचे हैं। यहां विदेशी जमातें भी आई हैं। रविवार की छुट्टी और सोमवार को होने वाली दुआ ए खास में शामिल होने के लिए इज्तिमागाह पर अब तक करीब सात लाख से ज्यादा लोग पहुंच चुके हैं।
तीसरे दिन जोहर (दोपहर) की नमाज के बाद मौलाना सईद की तकरीर हुई। उन्होंने रसूल की सुन्नतों पर चलने का संदेश दिया। मौलाना सईद ने कहा कि अगर आप दीन की राह पर चल रहे हैं तो हुजूर की सुन्नतें (उनके तरीके) भी अपनाएं, क्योंकि इसी से आखिरत बेहतर होगी।
इससे पहले इज्तिमा के तीसरे दिन रविवार को सुबह फजिर की नमाज के बाद मौलाना जमशेद साहब की तकरीर हुई। उन्होंने बड़े मजमे को संबोधित करते हुए ने कहा कि इस्लाम में महिलाओं को खास एहतराम, हुकूक और उसके लिए खास दर्जे रखे गए हैं। औरत मां, बहन, बीवी और बेटी के रूप में कई तरह से लोगों की जिंदगी को संवारती है।
इसी तरह जोहर की नमाज के बाद दिल्ली मरकज से आए मौलाना मोहम्मद सआद साहब कांधालबी ने कहा कि दुनिया में जो आया है, उसे लौटकर अल्लाह के पास जाना है। आसमान पर एक दुनिया है, जिसकी जिंदगी का कोई अंत नहीं है। उन्होंने एक अल्लाह पर यकीन और इसी से कामयाबी की बात भी कही। उन्होंने कहा कि अल्लाह पर यकीन पक्का होगा तो दुनिया में हर चीज का खौफ मन से जाता रहेगा। जो कुछ करता है, अल्लाह ही करता है, इस बात पर यकीन पक्का कर लें।
तीसरे दिन शाम को असीर की नमाज के बाद हुए मुख्तसिर बयान में हाफिज मंजूर साहब ने कहा कि जमातों में निकलना और लोगों को अच्छी बात सिखाना अल्लाह की रजा का रास्ता है। वहीं, मौलाना इलियास ने कहा कि खिदमत ही असल इस्लाम है।
सोमवार को दुआ के साथ समापन
चार दिन के इज्तिमा का समापन सोमवार सुबह दुआ ए खास के साथ होगा। दुआ के लिए सुबह 9 बजे का वक्त मुकर्रर किया गया है। सुबह फजिर की नमाज के बाद मौलाना सआद साहब का खास बयान होगा। इस दौरान वे जमातों में निकलने वाले लोगों को इस सफर में अपनाए जाने वाले अखलाक, रखे जाने वाले ख्याल और किए जाने वाले काम समझाएंगे। इसके बाद सुबह करीब 9 बजे दुआ के साथ इज्तिमा का समापन होगा। इसके बाद देश-विदेश से आई जमातें इज्तिमागाह से रुखसत होना शुरू हो जाएंगी। इज्तिमा प्रबंधन ने बताया कि दुआ के बाद इज्तिमा से करीब 2 हजार जमातें देशभर के लिए रवाना होंगी।
किसी ने खर्च कर दी जिंदगी, कोई पहुंचा पहली बार
तबलीग से सिखाई जाने वाली भलाई की बातें और खुद की जिंदगी में एक बेहतर अनुशासन कायम रखने की नीयत से लोगों का जमातों में निकलने का सिलसिला करीब सौ बरस पुराना है। भोपाल इज्तिमा में पहुंचे लोगों में कुछ ऐसे भी हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी का बड़ा हिस्सा जमातों में गुजार दिया, जबकि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दीन की इस महफिल को पहली बार अनुभव किया है।
विदेशी मेहमानों की संख्या में इजाफा
इस बार विदेशी मेहमानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। इज्तिमागाह में विदेशी जमातों की संख्या 300 से अधिक पहुंच गई है। इसमें किर्गिस्तान, मलेशिया, बांग्लादेश, इथोपिया, बर्मा (म्यांमार), श्रीलंका, सउदी अरब, कंबोडिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, सीर्रा लोन, फ्रांस, जॉर्जिया, तुर्की, आयरलैंड, जॉर्डन, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, ट्यूनिशिया, इजिप्ट आदि देशों के लोग शामिल हैं।
इज्तिमा दुआ से पहले कुछ और विदेशी जमातों के पहुंचने की उम्मीद की जा रही है। इज्तिमा प्रबंधन ने विदेशी मेहमानों के ठहरने के इंतजाम अलग से किए हैं। इन खेमों में ट्रांसलेटर भी मौजूद हैं, जो उलेमाओं के बयान को इन अलग-अलग देशों के लोगों को उनकी भाषा में अनुवाद करके बताते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात
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