मेरी माटी मेरा देश अभियान में दिखा युवाओं का जोश, कर्तव्य पथ पर आए देश के कोने कोने से युवा

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मेरी माटी मेरा देश अभियान में दिखा युवाओं का जोश, कर्तव्य पथ पर आए देश के कोने कोने से युवा


नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। कर्तव्य पथ पर मंगलवार को अलग ही नजारा था। युवाओं में जोश, उनके हाथों में लहराते तिरंगे, भारत माता की जय के नारों के साथ देश भर से लाई गई मिट्टी की खुशबू और चेहरों पर उनके गांव की मिट्टी को सम्मान मिलने का गर्व साफ देखा जा सकता था। संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम मेरी माटी मेरा देश अभियान में देश भर के गांवों से आए युवाओं के साथ राजधानी के कॉलेजों से आए छात्रों में जबरदस्त उत्साह दिखा। फिर चाहे कैलाश खेर के गानों में थिरकने की बात हो या फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर अपने मोबाइल के ट्रार्च जला कर भारत माता की जय का उद्घोष करना हो, सभी कार्यक्रम में उनका जोश देखते ही बनता था।

विशेष बात थी कि कर्तव्य पथ पर आयोजित भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने युवाओं को अगले 25 सालों में विकसित राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई। इसके लिए जब हजारों युवा अपनी सीट से उठ कर हाथों में माटी लिए पूरे जोश के साथ शपथ ले रहे थे। प्रधानमंत्री ने भी युवाओं के लिए अमृत कलश यात्रा के समापन कार्यक्रम में उन्होंने 'मेरा युवा भारत' - माय भारत प्लेटफॉर्म की शुरुआत की।

इस कार्यक्रम में केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर भी युवाओं का उत्साह बढ़ाते दिखाई दिए। इस मौके पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि मेरी माटी-मेरा देश कार्यक्रम का प्रतिफल इतना बड़ा होगा की युगों युगों तक हमारे आने वाली पीढ़ियों को देश प्रेम की प्रेरणा मिलती रहेगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से करोड़ युवा जुड़ कर देश को विकसित भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगे।

उन्होंने कहा कि इस अभियान के तहत अमृत कलश यात्राएं भी निकाली गईं। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के 6 लाख से अधिक गांवों और शहरी क्षेत्रों के वार्डों से मिट्टी (मिट्टी) और चावल के दानों का संग्रह शामिल है, जिसे ब्लॉक स्तर और फिर राज्य की राजधानी तक भेजा गया। राज्य स्तर से हजारों अमृत कलश यात्रियों के साथ मिट्टी राष्ट्रीय राजधानी भेजी गई।

मेरी माटी मेरा कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव का 1000 दिनों का यह कार्यक्रम आज संपन्न हो गया। उन्होंने इसके लिए सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।

समारोह में सबसे ज्यादा उत्साह जम्मू कश्मीर से आए करीब एक हजार युवाओं में दिखा जो घाटी के दुर्गम क्षेत्र से शहीदों की मिट्टी लेकर राजधानी पहुंचे थे। पुलवामा से आए जावेद ने बताया कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि उनके क्षेत्र की मिट्टी दिल्ली लाई गई है। उन्होंने बताया कि मेरी माटी मेरा देश को लेकर घाटी के युवाओं में जबरदस्त जोश था। अपने कलश को सजा कर वे मीलों दूर बसे अपने क्षेत्र की मिट्टी का योगदान देने यहां पहुंचे हैं।

वहीं, उत्तराखंड की शालिनी बिष्ट अपने पूरे पारंपरिक परिधान में कलश लेकर समारोह में शामिल हुई। उन्होंने बताया कि यह सिर्फ एक समारोह नहीं है बल्कि एकता का प्रतीक भी है। पहाड़ में देश के लिए मर मिटने वालों के गांव से लाई गई मिट्टी को अब यहां सभी नमन कर सकेंगे। प्रधानमंत्री इस मिट्टी से यहां अमृत वाटिका बनाएंगे जिसे उत्तराखंड ही नहीं बल्कि पूरे देश के लोग अपने वीरों को याद कर सकेंगे।

जम्मू एवं कश्मीर को मिला पहला पुरस्कार

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने शीर्ष प्रदर्शन करने वाले 3 राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों को आजादी का अमृत महोत्सव पुरस्कार प्रदान किया। इसमें जम्मू और कश्मीर को प्रथम, गुजरात को दूसरा और हरियाणा और राजस्थान को संयुक्त रूप से तीसरा पुरस्कार दिया गया। इसके साथ शीर्ष प्रदर्शन करने वाले तीन मंत्रालयों को आज़ादी का अमृत महोत्सव पुरस्कार प्रदान किया गया जिसमें पहला पुरस्कार विदेश मंत्रालय, दूसरा पुरस्कार रक्षा मंत्रालय और संयुक्त रूप से तीसरे स्थान के लिए रेल मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय को पुरस्कृत किया गया।

उल्लेखनीय है कि मेरी माटी मेरा देश अभियान उन वीरों और वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि है जिन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। जन भागीदारी की भावना से, इस अभियान में देश भर के पंचायत एवं गांव, ब्लॉक, शहरी स्थानीय निकाय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित अनेक कार्यक्रम और समारोह शामिल हैं। कार्यक्रमों में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सभी बहादुरों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करने के लिए शिलाफलकम (स्मारक) का निर्माण शामिल था; शिलाफलकम में लोगों द्वारा 'पंच प्राण' प्रतिज्ञा लेना; स्वदेशी प्रजातियों के पौधे लगाना और 'अमृत वाटिका' (वसुधा वंदन) विकसित करना और स्वतंत्रता सेनानियों और दिवंगत स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों (वीरों का वंदन) के सम्मान के लिए अभिनंदन समारोह शामिल थे।

2.3 लाख से अधिक लगाए गए शिलाफलकम

36 राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में 2.3 लाख से अधिक शिलाफलकम लगाए गए। लगभग 4 करोड़ पंच प्राण प्रतिज्ञा सेल्फी अपलोड की गईं। देश भर में 2 लाख से अधिक 'वीरों का वंदन' कार्यक्रम आयोजित किए गए। 2.36 करोड़ से अधिक स्वदेशी पौधे लगाए गए। और देशभर में वसुधा वंदन थीम के तहत 2.63 लाख अमृत वाटिकाएं बनाई गईं।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/प्रभात

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