जयशंकर ने मालदीव के विदेश मंत्री से कहा- संबंधों के लिए पारस्परिक संवेदनशीलता जरूरी
नई दिल्ली, 9 मई (हि.स.)। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर के बीच गुरुवार को दिल्ली में द्विपक्षीय बैठक हुई। इस दौरान मालदीव के साथ संबंधों के सभी आयामों की समीक्षा की गई।
विदेश मंत्री ने वार्ता के दौरान अपने शुरुआती वक्तव्य में कहा कि करीबी और निकटतम पड़ोसियों के रूप में हमारे संबंधों का विकास स्पष्ट रूप से आपसी हितों और पारस्परिक संवेदनशीलता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि यह हमारे साझा हित में है कि हम इस बात पर सहमति बनाएं कि हम अपने रिश्ते को किस तरह बेहतर ढंग से आगे बढ़ा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि भारत कई अवसरों पर मालदीव के लिए प्रथम सहायक बना है। भारत मालदीव को विकास सहायता का एक प्रमुख प्रदाता रहा है। हमारी परियोजनाओं से आपके देश के लोगों को लाभ हुआ है। जीवन की गुणवत्ता में योगदान मिला है।
उल्लेखनीय है कि मालदीव में नई सरकार बनने के बाद से विदेश मंत्री ज़मीर भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं।
मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर ने कहा कि हमने मालदीव और भारत के बीच द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में बढ़ती भागीदारी पर दृष्टिकोण का आदान-प्रदान किया। हमने आपसी सम्मान और समझ पर अधारित द्विपक्षीय साझेदारी के अपने लंबे इतिहास पर विचार किया।
मालदीव से मानवीय सहायता के लिए तैनात अधिकारियों की तकनीकी स्टॉफ से अदला-बदली की प्रक्रिया पूरी हो गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि दोनों पक्ष मालदीव के लोगों को मानवीय और मेडवैक सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/दधिबल
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