कनाडा में भारतीयों से जबरन वसूली के मामले पर भारत ने जताई चिंता

कनाडा में भारतीयों से जबरन वसूली के मामले पर भारत ने जताई चिंता
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कनाडा में भारतीयों से जबरन वसूली के मामले पर भारत ने जताई चिंता


नई दिल्ली, 04 जनवरी (हि.स.)। विदेश मंत्रालय ने कनाडा में कुछ भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों से जबरन वसूली की धमकी की रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की है।

विदेश मंत्रालय के नव नियुक्त प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कनाडा में मंदिरों पर हमले और भारतीयों को धमकी दिए जाने के संबंध में कहा कि जबरन वसूली की रिपोर्टों पर हम चिंतित है। उल्लेखनीय है कि कनाडा में हाल में इस आशय की रिपोर्ट सामने आयी थी।

खाड़ी देश कतर में भारतीय नागरिकों की सजा के बारे में प्रवक्ता ने कहा कि अपील के लिए 60 दिनों का समय मिला है। कानूनी दल इसके अनुरूप आगे कदम उठायेंगे। उन्होंने बताया कि इन्हें अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई गई और किसी को भी मृत्यु दंड नहीं दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि पहले इन पूर्व नौसेनिकों को कथित तौर पर जासूसी करने के लिए मृत्यु दंड की सजा सुनाई गई थी। बाद में इसे कारावास की सजा में बदल दिया गया था।

एक अन्य प्रश्न के उत्तर में प्रवक्ता ने चेक गणराज्य में बंदी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता से जुड़े उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कहा कि हमने अभी पूरा फैसला नहीं देखा है, इसके बाद ही अगला कदम उठाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि निखिल गुप्ता के परिवारजनों ने न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका हस्तक्षेप की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि उन्हें विदेश मंत्रालय की ओर से सहयोग नहीं मिल रहा है।

इसी प्रकरण पर पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में जायसवाल ने कहा कि अमेरिका में खालिस्तानी आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के मामले में गठित उच्च स्तरीय समिति जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद उसके निष्कर्ष सामने आयेंगे।

विदेश मंत्रालय ने पश्चिमी देशों के मीडिया में प्रसारित इन खबरों को पूरी तरह खारिज कर दिया कि भारत ने यूक्रेन को कोई गोला-बारूद भेजा है।

प्रवक्ता ने लाल सागर में निर्बाध नौवहन बनाए रखने के भारत के रुख को दोहराया।

विदेश मंत्रालय ने ईरान के करमान शहर में आंतकवादी हमले में मारे गए लोगों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत ईरान की सरकार और जनता के साथ एकजुटता प्रदर्शित करता है।

चीन के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि द्विपक्षीय संबंध सामान्य नहीं है। विवाद को सुलझाने के लिए विभिन्न माध्यमों से विचार-विमर्श जारी है। प्रवक्ता ने इस सिलसिले में पिछले दिनों संपन्न सैन्य अधिकारियों की बैठक और विदेश मंत्रालय स्तर पर मंत्रणा का हवाला दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/दधिबल

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