लाल सागर में सुरक्षा गठबंधन में शामिल होने पर फिलहाल फैसला नहींः विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली, 21 दिसंबर (हि.स.)। भारत ने यमन के हूती विद्रोहियों की कार्रवाइयों के कारण लाल सागर और अरब सागर में व्यापारिक नौवहन को खतरे का मुकाबला करने के लिए अमेरिका की ओर से बनाए गए अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में शामिल होने के बारे में अभी कोई फैसला नहीं किया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची से गुरुवार को जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह एक नई पहल है। इस बारे में भारत की भूमिका पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत स्वतंत्र नौवहन का पक्षधर है तथा समुद्री डकैती जैसे खतरों के बारे में वह अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में साझेदार रहा है।
उल्लेखनीय है कि हूती विद्रोहियों ने गाजा में इजराइल की सैन्य कार्रवाई के विरोध में लाल सागर और अरब सागर में इजराइल से जुड़े व्यापारिक जलयानों को निशाना बनाया है। अमेरिका के नेतृत्व में 10 देशों का एक गठबंधन बनाया गया है, जिनकी नौ सेनायें इस जल क्षेत्र में जलयानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
प्रवक्ता ने इजराइल में फिलिस्तीनी कामगारों के स्थान पर भारतीय कामगारों को भेजे जाने से इनकार किया। प्रवक्ता ने संसद में सरकार की ओर से दिए गए इस बयान का हवाला दिया कि फिलिस्तीनी कामगारों के स्थान पर भारत के लोगों को भेजे जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। साथ ही प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि भारत विभिन्न देशों के बीच कामगारों की आवाजाही का पक्षधर है। भारतीय नागरिक काम की तलाश में विदेश जा सकते हैं।
प्रवक्ता ने इजराइल और गाजा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के बारे में पूछे गए एक सवाल के उत्तर में कहा कि इस प्रकरण में विदेश मंत्रालय की ओर से सतर्कता बरतने संबंधी सलाह जारी की गई है। गाजा में इस समय तीन भारतीय नागरिक हैं और एक अन्य नागरिक गाजा से मिस्र आ गया है।
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/सुफल/दधिबल
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