निज्जर को श्रद्धांजलि पर भारत ने कहा- हिंसा के समर्थकों को न दें राजनीतिक आश्रय

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निज्जर को श्रद्धांजलि पर भारत ने कहा- हिंसा के समर्थकों को न दें राजनीतिक आश्रय


नई दिल्ली, 21 जून (हि.स.)। भारत ने कनाडा की संसद में आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर को श्रद्धांजलि दिए जाने तथा वैंकूवर में कथित जनसुनवाई का स्वांग रचे जाने की तीखी आलोचना की है। भारत ने वहां की सरकार से आग्रह किया है कि वे उग्रवाद और हिंसा का समर्थन करने वाले लोगों को सक्रियता के लिए राजनीतिक आश्रय प्रदान न करें।

भारत ने खालिस्तानी तत्वों द्वारा कथित जनसुनवाई की घटना पर नई दिल्ली स्थित कनाडा के उच्चायोग से कड़ा विरोध दर्ज कराया है।

उल्लेखनीय है कि वैंकूवर में खालिस्तान समर्थकों ने अदालती कार्यवाही का स्वांग रचा था, जिसमें सिखों के कथित उत्पीड़न को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अभियुक्त करार दिया गया था। इसी तरह खालिस्तानी आतंकवादी निज्जर की बरसी पर कनाडा की संसद के निचले सदन में दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई थी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि हम कनाडा में उग्रवाद और हिंसा का समर्थन करने वाले तत्वों को राजनीतिक आश्रय प्रदान किए जाने का विरोध करते हैं। कनाडा सरकार को खालिस्तान समर्थक तत्वों की गतिविधियों के बारे में भारत की चिंता से अवगत कराया गया है। हमने कहा है कि कनाडा सरकार हिंसा की वकालत करने वाली गतिविधियों को रोके तथा संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई करे।

उल्लेखनीय है कि कनाडा में हाल के घटनाक्रम के बारे में वहां स्थित भारतीय राजनयिक मिशनों ने भी सरकार को अपनी चिंता से अवगत कराया है। भारतीय राजनयिक मिशन 23 जून को विभिन्न शहरों में एयर इंडिया के कनिष्क विमान को आतंकवादी हमले में उड़ाए जाने की 39वीं बरसी पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। 1985 में खालिस्तानी आतंकवादियों ने कनिष्क विमान में बम विस्फोट किया था। इसमें सभी 329 सवार मारे गए थे।

प्रवक्ता ने आस्ट्रेलिया के एक न्यूज चैनल पर भारत विरोधी डॉक्युमेंट्री के प्रसारण की भी तीखी आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह डॉक्युमेंट्री तथ्यों से परे है तथा एक निश्चित एजेंडे से प्रेरित है। इसमें गैर-पेशेवर रवैया अपनाते हुए तथ्य हीन दुष्प्रचार करने की कोशिश की गई है।

फ्रांस के एक पत्रकार सेबेस्टियन फार्सिस के वर्क वीजा का नवीनीकरण नहीं किए जाने पर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि यह विचाराधीन है। उक्त पत्रकार यदि देश छोड़कर जा रहा है तो यह उसकी अपनी मर्जी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/दधिबल

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