पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय का नाम आना चिंता का विषयः विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली, 30 नवंबर (हि.स.)। विदेश मंत्रालय ने अमेरिका की एक अदालत में दाखिल खालिस्तानी आतंकवादी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश में एक भारतीय नागरिक के खिलाफ दायर आरोप पत्र को गंभीर मामला बताया है। विदेश मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह भारत की नीति नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका में न्यूयार्क की अदालत में एक भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के खिलाफ खालिस्तानी आतंकवादी पन्नू की हत्या के लिए भाड़े के हत्यारे के जरिए हत्या कराने की साजिश करने का आरोप लगाया गया है। भारत सरकार के एक अधिकारी पर भी हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता में कहा कि एक व्यक्ति (निखिल गुप्ता) के खिलाफ अमेरिकी अदालत में दायर मामले को कथित तौर पर एक भारतीय अधिकारी से जोड़ा गया है। यह चिंता का विषय है। हमने कहा है और दोहराना चाहते हैं कि यह सरकार की नीति के भी विपरीत है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संगठित अपराध, मादक पदार्थो और हथियारों की तस्करी और उग्रवादियों के बीच सांठगांठ भी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए गंभीर चिंता का विषय है। यही कारण है कि मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जिसके नतीजों के आधार पर आगे कदम उठाए जायेंगे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के सुरक्षा मामलों से जुड़ी और सूचनाओं को साझा नहीं किया जा सकता।
भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को अमेरिका की सूचना पर चेक गणराज्य में गत 30 जून को गिरफ्तार किया गया था। गुप्ता के खिलाफ लगाए गए आरोप के आधार पर उसे 20 साल की सजा हो सकती है।
मामले का उल्लेखनीय पहलू यह है कि अमेरिका में जिस भाड़े के हत्यारे से संपर्क साधा गया था, वह अमेरिका की संघीय पुलिस का मुखबिर था। उसकी सूचना के आधार पर अमेरिका की पुलिस ने कथित साजिश की जांच शुरू करते हुए पूरी बिसात बिछाई थी। इस जांच के दौरान ही कनाडा में एक अन्य खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई।
इसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के खिलाफ निज्जर की हत्या का आरोप लगाया।
कनाडा के विषय पर भारत ने कहा कि जहां तक कनाडा का सवाल है, उन्होंने लगातार भारत विरोधी चरमपंथियों और हिंसा को जगह दी है। मुद्दे के मूल में यही है, जिसका खमियाजा हमारे राजनयिक प्रतिनिधियों को भुगतना पड़ा है। हम उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों को पूरा करेगी। हमने अपने आंतरिक मामलों में भी हस्तक्षेप देखा है, जो स्पष्टतः अस्वीकार्य है।
हिन्दुस्थान समाचार/अनूप/सुफल/दधिबल
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