इतिहास के पन्नों में 19 मार्चः भारत के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री नंबूदरीपाद को याद करने का दिन

इतिहास के पन्नों में 19 मार्चः भारत के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री नंबूदरीपाद को याद करने का दिन
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इतिहास के पन्नों में 19 मार्चः भारत के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री नंबूदरीपाद को याद करने का दिन


देश-दुनिया के इतिहास में 19 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारतीय राजनीति में कांग्रेस के खिलाफ वामपंथ की बड़ी जीत के रूप में यादगार है। दरअसल 19 मार्च, 1998 को वामपंथी नेता ईएमएस नंबूदरीपाद का निधन हुआ था। वो केरल और देश के पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री थे। 1957 में जब वो केरल के मुख्यमंत्री बने, तब तक दुनिया में सिर्फ एक जगह रिपब्लिक ऑफ सान मैरिनो ही ऐसी थी, जहां लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई कम्युनिस्ट सरकार थी। इसके अलावा जहां भी कम्युनिस्ट सरकारें थीं, वो सिंगल पार्टी सिस्टम के जरिए सत्ता में आई थीं।

देश के सबसे बड़े कम्युनिस्ट नेताओं में शुमार एलमकुलम मनक्कल शंकरन यानी ईएमएस नंबूदरीपाद का जन्म 13 जून, 1909 को केरल के मलप्पुरम जिले में हुआ था। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत जाति-प्रथा के खिलाफ आंदोलन से की। उन्होंने 'नंबूदरी को इंसान बनाओ' का नारा देकर ब्राह्मणों के लोकतंत्रीकरण की मुहिम चलाई। वो उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने भाषा के आधार पर राज्यों के पुनर्गठन की मांग की।

1957 में नंबूदरीपाद केरल के मुख्यमंत्री बने। उनकी सरकार देश की पहली गैर कांग्रेसी सरकार थी। उनकी सरकार ने भूमि और शिक्षा क्षेत्र में कई अहम कदम उठाए। 1959 में केंद्र की जवाहरलाल नेहरू सरकार ने संविधान की धारा 356 का इस्तेमाल करके उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया। कहते हैं कि नंबूदरीपाद सरकार की बढ़ती लोकप्रियता से नेहरू घबरा गए थे, इसलिए उनकी सरकार ने धारा 356 का दुरुपयोग किया। 1967 में नंबूदरीपाद दूसरी बार केरल के मुख्यमंत्री बने। इस बार भी उनका कार्यकाल दो साल का ही रहा।

नंबूदरीपाद 1962 में पहली बार कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने। 1964 में कम्युनिस्ट पार्टी सीपीआई और सीपीएम नाम से दो धड़ों में टूट गई। इसके बाद वो सीपीएम में रहे। 1977 में वे सीपीएम के महासचिव बने और 15 साल तक इस पद पर रहे। अपने अंतिम दिनों में भी वो पूरी तरह सक्रिय थे। 1998 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जमकर पार्टी का प्रचार किया।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1279: मंगोलों ने चीन के सांग वंश का अंत किया।

1877: क्रिकेट इतिहास के पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 45 रन से हराया।

1915: पहली बार प्लूटो की तस्वीर ली गई। उस समय प्लूटो ग्रह नहीं था। 1930 में इसे सौरमंडल का नौवां ग्रह मान लिया गया। 2006 में इसे ग्रह की जगह ड्वॉर्फ प्लैनेट माना गया।

1944: आजाद हिंद फौज ने पूर्वोत्तर भारत में राष्ट्रध्वज फहराया।

1970: पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के नेता 1949 में जर्मनी के विभाजन के बाद पहली बार मिले।

1972 - भारत और बांग्लादेश के बीच में मित्रता संधि पर हस्ताक्षर।

1982ः ब्रिटेन एवं वेटिकन के बीच 400 वर्ष के अंतराल के बाद राजनयिक संबंध स्थापित।

1996ः बोस्निया हर्जेगोविना की राजधानी सरायेवो का पुन: एकीकरण।

1999ः यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जैकस सांटर का इस्तीफा।

2001ः तालिबान ने 100 गायों की बलि ली।

2001ः ब्रिटेन के उच्च सदन ने संगीतकार नदीम के प्रत्यर्पण का प्रस्ताव ठुकराया।

2004ः अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन में पहली बार चीन पर मुकदमा ठोका।

2005ः पाकिस्तान ने शाहीन (द्वितीय) प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया।

2007ः पाकिस्तान की मुख्तारन माई को यूरोपीय परिषद का मानवाधिकार सम्मान प्रदान किया गया।

2008ः पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने भारतीय नागरिक सबरजीत की फांसी 30 अप्रैल, 2008 तक रोकी।

2008ः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार पर बने नए मसौदे को भारत सहित अधिकतर देशों ने खारिज किया।

2009ः डॉलर के मुकाबले में रुपया 93 पैसे की लंबी छलांग लगाकर तीन सप्ताह के उच्चतर स्तर पर पहुंचा।

जन्म

1876ः भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के पूर्व महानिदेशक जॉन मार्शल।

1884ः मध्य प्रदेश के पूर्व मख्यमंत्री नारायण भास्कर खरे।

1943ः भारतीय गीतकार और लेखक योगेश।

1984ः भारतीय अभिनेत्री तनुश्री दत्ता।

निधन

1978ः प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एम.ए. अय्यंगार।

1982ः प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी और राजनीतिज्ञ जे.बी. कृपलानी।

2011ः भारतीय फिल्म अभिनेता नवीन निश्चल।

2018ः चर्चित रचनाकार और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कवि और साहित्यकार केदारनाथ सिंह।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद

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