मराठा आरक्षण को लेकर कहीं खुशी कहीं नाराजगी, कोर्ट में चुनौती देने की भी तैयारी

मराठा आरक्षण को लेकर कहीं खुशी कहीं नाराजगी, कोर्ट में चुनौती देने की भी तैयारी
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मराठा आरक्षण को लेकर कहीं खुशी कहीं नाराजगी, कोर्ट में चुनौती देने की भी तैयारी


-विधेयक को कांग्रेस, शिवसेना और मनसे ने बताया चुनावी घोषणा

मुंबई, 20 फरवरी (हि.स.)। राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को मराठा समाज को नौकरी और शिक्षा में मंजूर दस प्रतिशत आरक्षण को लेकर कहीं खुशी तो कहीं नाराजगी का माहौल व्याप्त है। विधानमंडल में इस विधेयक के पारित होने के बाद भाजपा और सहयोगी दलों ने खुशी व्यक्त की है। जबकि वकील गुणरत्न सदावर्ते ने कहा कि यह देश के कानून का मजाक बनाने वाला निर्णय है, वे इसे कोर्ट में चुनौती देंगे। इस विधेयक का स्वागत कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और मनसे ने किया है, लेकिन इन सभी ने इसे चुनावी घोषणा मात्र बताया है।

विधानमंडल में मराठा समाज को दस फीसदी आरक्षण मंजूर होने के बाद उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अब मराठा समाज के लोग नौकरी और शिक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस विधेयक को लेकर किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए। पुरानी गलतियों को सुधार कर यह विधेयक बनाया गया है, यह किसी भी कोर्ट में टिकने वाला है।

इस विधेयक का स्वागत कांग्रेस पार्टी ने किया है। कांग्रेस पार्टी के नेता और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय बडेट्टीवार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा मराठा समाज को आरक्षण दिए जाने के पक्ष में रही है। लेकिन इसे चुनाव देखकर जल्दबाजी में पारित किया गया और कांग्रेस ने इसे समर्थन दिया है। बडेट्टीवार ने कहा कि उन्होंने अध्यक्ष को पत्र लिखकर कुछ मुद्दों पर खुलासा मांगा था जो उन्हें नहीं दिया गया। साथ ही उन्हें विधानसभा में बोलने भी नहीं दिया गया। इस विधेयक में बहुत कमियां है और अगर किसी ने इसे कोर्ट में चुनौती दी तो यह वहां नहीं टिकेगा। इसी तरह महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी मराठा आरक्षण का स्वागत तो किया है। लेकिन उन्होंने कहा कि मराठा समाज को जागरूक होना चाहिए और उन्हें पता होना चाहिए कि किसी भी समाज को आरक्षण देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट को है। कई राज्यों में दिए गए अतिरिक्त आरक्षण का मामला अभी भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।

शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि मराठा समाज को मिले आरक्षण की वजह से वे मुख्यमंत्री का स्वागत करते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री बताएं कि मराठा समाज को नौकरी कहां देंगे। साथ ही दिया गया आरक्षण को कोर्ट में टिकाने का काम भी सरकार को करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/राजबहादुर/आकाश

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