क्रिमिनल लॉ पर जल्दबाजी न करें, हित धारकों से राय लें : ममता ने अमित शाह को लिखा पत्र
कोलकाता, 29 नवंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से नए आपराधिक-दंड कानूनों पर जल्दबाजी करने के बजाय हितधारकों के बीच आम सहमति बनाने का आग्रह किया। शाह को लिखे पत्र में बनर्जी ने यह भी दावा किया कि इसमें आमूल-चूल परिवर्तन किया जाएगा। मौजूदा आपराधिक-दंड कानूनों का राजनीति पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। केंद्र ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को भारतीय न्याय संहिता से बदलने के लिए तीन विधेयक लाए हैं।
ममता ने कहा, मेरा दृढ़ विश्वास है कि ये बहुत महत्वपूर्ण कानून है जो हमारे दंड-आपराधिक न्यायशास्त्र का आधार बनते हैं। बनर्जी ने शाह को लिखे पत्र में कहा, ऐसे में मौजूदा आपराधिक-दंड संबंधी कानूनों में प्रस्तावित बदलाव और उनके स्थान पर नए कानून लाने से हमारी राजनीति पर दूरगामी दीर्घकालिक प्रभाव पड़ना तय है। सुझाए गए बदलाव जनता को भी प्रभावित करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुझे उम्मीद है कि विषय की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, आप प्रस्तावित विधेयकों पर सभी हितधारकों के बीच आम सहमति बनाने का प्रयास करेंगे, न कि उन्हें पारित करने में जल्दबाजी करेंगे। ममता ने आरोप लगाया कि इन कानून का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ हो सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा/आकाश
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