ममता बोलीं- इंडिया नाम मेरा दिया हुआ बैठक में सम्मान नहीं मिलता, राम मंदिर के खर्चे पर उठाए सवाल
कोलकाता, 22 जनवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन कोलकाता में लंबी पदयात्रा की। हिंदू, मुस्लिम, सिख और इसाई सभी समुदायों के पुजारी और हजारों कार्यकर्ताओं और समर्थकों को साथ लेकर उन्होंने हाजरा मोड़ से रैली की शुरुआत की। भवानीपुर होते हुए वह मुस्लिम बहुल क्षेत्र पार्क सर्कस पहुंची जहां संबोधन किया। रास्ते में पड़ने वाले अपने घर के पास के कालीघाट मंदिर में सबसे पहले उन्होंने पूजा की। इसके बाद भवानीपुर में गुरुद्वारे में प्रार्थना की। फिर चर्च में प्रार्थना की और मस्जिद में चादर चढ़ाने के बाद पार्क सर्कस में संबोधन शुरू किया। यहां उन्होंने केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। ममता ने कहा कि सुबह से ऐसा माहौल बना दिया गया है जैसे देश में स्वतंत्रता संग्राम हो रहा हो। हकीकत यह है कि वह (भाजपा) नारी विरोधी है। वह केवल राम का नाम लेती है, सीता का नाम नहीं लेती जबकि बिना सीता का राम का अस्तित्व नहीं है। कौशल्या ने ही राम को जन्म दिया था। बिना मां के राम नहीं होते। सीता को अग्नि परीक्षा देनी पड़ी थी। वे नारी विरोधी हैं लेकिन हम नारी शक्ति का सम्मान देना जानते हैं, इसलिए मां दुर्गा की पूजा करते हैं।
ममता ने कहा कि इनके पास बंगाल का बकाया देने का पैसा नहीं, लोगों की मजदूरी नहीं दे रहे हैं, सड़क निर्माण के लिए पैसा नहीं देते। बंगाल से कर वसूल कर ले जाते हैं लेकिन हमारा हिस्सा नहीं देते और राम मंदिर पर भारी खर्च हो रहा है।
विपक्षी इंडी गठबंधन पर भी सवाल खड़ा करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि गठबंधन का इंडिया नाम मैंने खुद दिया था लेकिन उसी की बैठक में उचित सम्मान नहीं मिलता। ममता ने यह भी कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की कल जयंती है। केंद्र सरकार नेताजी का सम्मान नहीं करती लेकिन मैं करती हूं इसलिए बंगाल में नेताजी जयंती पर छुट्टी है।
उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद तोड़ी गई थी तब वह अकेले सड़क पर उतरी थीं।
उल्लेखनीय है कि जब देश में प्राण प्रतिष्ठा हुई है, तब ममता बनर्जी ने कोलकाता में सद्भावना रैली कर सर्वधर्म का संदेश दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा/प्रभात
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