Mahashivratri 2025: यहां हैं भगवान शिव का सबसे ऊंचा मंदिर, महाशिवरात्रि पर कर आएं दर्शन
भारत के अलावा भगवान शिव के मंदिर नेपाल, भूटान और मॉरिशस समेत दुनियाभर में मौजूद हैं। बता दें कि भारत में शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिर हैं, जिनके दर्शन करना हिंदू परिवारों के लिए बड़ा लक्ष्य होता है। महाशिवरात्री पर तो इन मंदिरों में लाखों की संख्या में लोग आते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर भी है?

यह मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है, जिसका नाम तुंगनाथ है। तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,680 मीटर (12,073 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। भगवान शंकर जी का यह मंदिरपंच केदार तीर्थ स्थलों में शामिल है। बता दें कि तुंगनाथ मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको पहले सोनप्रयाग जाना होगा। इसके बाद आप गुप्तकाशी, उखीमठ, चोपटा होते हुए तुंगनाथ मंदिर पहुंच सकते हैं।

महाभारत से जुड़ा है इतिहास
तुंगनाथ का शाब्दिक अर्थ ‘पहाड़ों के भगवान’ होता है। लेकिन दुनिया के सबसे ऊंचे शिव मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है। स्थानीय लोगों की मानें तो इस मंदिर की नींव अर्जुन ने रखी थी। ऐसा भी कहा जाता है कि पांडवों ने शंकर जी को प्रसन्न करने के लिए हजारों से पहले इस मंदिर को बनवाया था।
लोगों कहते हैं कि महाभारत के युद्ध में पांडवों ने अपने भाईयों और गुरूओं का वध किया था, जिसके कारण उन पर मानव हत्या का पाप था। ऋषि व्यास ने उन्हें बताया कि भगवान शंकर की माफी मिलने पर वह सारे पापों से मुक्त हो जाएंगे।

भगवान शंकर के हाथ का प्रतीक
ऐसा बताया जाता है कि तुंगनाथ मंदिर पर भगवान शिव के बाहु यानी हाथ मिले थे। पंच केदार में तुंगनाथ के अलावाकेदारनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर मंदिर हैं। कहते हैं कि महाशिवरात्री पर इस मंदिर के दर्शन करने ही सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। तो अगर आप भी महाशिवरात्रि पर भगवान शंकर का दर्शन करने जा रहे हैं तो तुंगनाथ मंदिर जरूर जाएं।

