महाराष्ट्र के 15 जिले सूखाग्रस्त घोषित, विपक्ष ने की पुनर्विचार की मांग
मुंबई, 31 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में सूबे के 15 जिलों की 24 तहसीलों में गंभीर सूखा को मंजूरी दी है। इसी तरह इन्हीं जिलों में 16 तहसीलों में मध्यम सूखे को कैबिनेट से मंजूरी मिली है। यह मंजूरी इन जिलों में कम बारिश होने की वजह से दी गई है जबकि विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने सूखाग्रस्त जिलों के आकलन के लिए पुनर्विचार की मांग की है। वडेट्टीवार ने सूखाग्रस्त जिलों के आकलन में भेदभाव का भी आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में 15 जिलों में बहुत कम बारिश हुई है। इसकी रिपोर्ट राजस्व विभाग ने राज्य सरकार को सौंपी है, इसी के आधार पर इन जिलों में सूखा घोषित किया गया है। इन जिलों की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी गई है और विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन जिलों में राज्य सरकार की ओर से किसानों को हर तरह की छूट देने का आदेश संबंधित जिलाधिकारी को दिया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि जालना, छत्रपति संभाजीनगर, पुणे, नासिक, बीड, लातूर, धाराशिव और सोलापुर जिलों के लगभग सभी तालुकाओं में सूखा घोषित किया गया है जबकि अन्य आठ जिलों में आंशिक सूखा घोषित किया गया है।
विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य सरकार को 40 तहसीलों में सूखा घोषित करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। विजय वडेट्टीवार ने कहा कि सरकार को फिर से तथ्यों की समीक्षा करनी चाहिए और कर्नाटक की तर्ज पर राज्य में सूखा घोषित करना चाहिए। वडेट्टीवार ने कहा कि राज्य के आधे जिलों में 50 फीसदी से कम बारिश हुई है। सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई है, बीमारी से फसल बर्बाद हो गई है, कई जगहों पर पीने का पानी उपलब्ध नहीं है, केवल चालीस तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। सरकार की लिखा-पढ़ी में किसान दिखता ही नहीं। किसानों को पिछले साल की सब्सिडी नहीं मिली है।
हिन्दुस्थान समाचार/ राजबहादुर/प्रभात
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