गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को 14 दिन के लिए ईडी की विशेष कोर्ट ने जेल भेजा

गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को 14 दिन के लिए ईडी की विशेष कोर्ट ने जेल भेजा
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गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को 14 दिन के लिए ईडी की विशेष कोर्ट ने जेल भेजा


रायपुर, 11 मार्च (हि.स.)। महादेव सट्टा मामले में प्रवर्तन निदेशालय के प्रतिवेदन पर आर्थिक अपराध शाखा ने साजिश, जालसाजी और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी के साथ अज्ञात पुलिस अधिकारियों तथा कई कारोबारियों पर भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके अलावा कई कारोबारियों पर भी केस दर्ज किया गया है। वहीं महादेव ऐप सट्टेबाजी मामले में (प्रवर्तन निदेशालय) ईडी की गिरफ्त में आए भोपाल के मुख्य ऑपरेटर गिरीश तलरेजा और कोलकाता निवासी सूरज चोखानी की सोमवार को रिमांड अवधि के समाप्त होने ईडी की अजय सिंह राजपूत की विशेष कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है।

प्रवर्तन निदेशालय के द्वारा एसीबी और ईओडब्ल्यू में किए गए शिकायत में किसी भी पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के नाम दर्ज नहीं किए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट पर जांच नए सिरे से होगी। एसीबी और ईओडब्ल्यू की नई टीम इसकी जांच करेगी। पुरानी टीम का तबादला हो चुका है।

ईडी को सूरज चोखानी और गिरीश तालरेजा से हिरासत में पूछताछ कई तथ्यों का पता चला है। जिसके आधार पर अब ईडी उनकी संपत्ति की जानकारी मिली है। गिरीश तलरेजा लोटस-365 ऐप के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और सौरभ चंद्राकर के साथ भागीदार है। जिसके आधार पर कोलकाता, हरियाणा, दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र और गोवा में कई स्थानों पर जांच की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय की मानें तो नीतीश दीवान से मिले इनपुट के बाद ही प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने एक मार्च को कोलकाता और भोपाल से महादेव सट्टा ऐप से जुड़े गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को गिरफ्तार किया था। भिलाई के रहने वाले नीतीश दीवान महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर के साथ मिलकर दो सालों से दुबई में रहकर पैनल ऑपरेटर का काम देख रहा था।

इस जांच में पुणे, महाराष्ट्र से संचालित होने वाली लोटस 365 की शाखाएं भी शामिल थीं। जांच में पता चला कि इस शाखा द्वारा प्रति महीने 50 करोड़ का सट्टा कैश संभाला जा रहा था। गिरीश तलरेजा को इस शाखा के 'कैश हैंडलिंग वाट्सएप ग्रुप' के सदस्यों में से भी एक पाया गया। तलाशी के बाद एक करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने इस मामले में हवाला ऑपरेटर हरिशंकर टिंबरेवाल की पहचान की है। वह कोलकाता का रहने वाला है लेकिन वर्तमान में दुबई में रहने की जानकारी मिली है। जानकारी के मुताबिक हरिशंकर टिंबरेवाल महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर के साथ मिलकर अवैध सट्टेबाजी स्काई एक्सचेंज ऐप का संचालन भी किया करता था। हरिशंकर टिबरेवाल की 580.78 करोड़ की संपत्ति को धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत जब्त किया गया है।

वहीं विदेशी संस्थाओं ने भी एफपीआई के जरिए भारत में निवेश किया। उनका भी स्टाक पोर्टफोलियो 606 करोड़ रुपये पाया गया है। कुल 1180 करोड़ से ज्यादा का स्टाक पोर्टफोलियो इन कंपनियों के पास है।

हिन्दुस्थान समाचार/केशव शर्मा/आकाश

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