मैकाले शिक्षा प्रणाली और मार्क्सवादी विचार के कारण देश दशकों तक भौतिक गुलामी में रहाः दत्तात्रेय होसबाले

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मैकाले शिक्षा प्रणाली और मार्क्सवादी विचार के कारण देश दशकों तक भौतिक गुलामी में रहाः दत्तात्रेय होसबाले


मैकाले शिक्षा प्रणाली और मार्क्सवादी विचार के कारण देश दशकों तक भौतिक गुलामी में रहाः दत्तात्रेय होसबाले


सुदर्शन जी सदैव भारत के ‘स्व’ को दृढ़ करने का आग्रह करते थेः होसबाले

इंदौर, 18 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि गुलाम मानसिकता के कारण हिन्दुत्व को नकारने, घृणा करने की प्रवृति बौद्धिक वर्ग, विश्वविद्यालय, मीडिया और पाठ्यक्रमों में वर्षों तक कायम रही। इस प्रवृति के कारण समाज को जिस प्रकार से विकसित होना चाहिए था, वैसा नहीं हो पाया। समाज को समय-समय पर ठीक करने के लिए कई लोगों ने प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मैकाले शिक्षा प्रणाली और मार्क्सवादी विचार के कारण देश दशकों तक राजनीतिक स्वतंत्रता के बाद भी भौतिक गुलामी में रहा है। समाज को गुलामी के गहरे प्रहार से मुक्त होना चाहिए।

सरकार्यवाह होसबाले सोमवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मलावा प्रांत डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के नवनिर्मित “सुदर्शन” भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति का यह भवन समाज द्वारा निर्मित है और समाज के उपयोग के लिए है। यह भवन लोक को ही अर्पण है, इसलिए यह “लोकार्पण” है। जैसे “त्वदीय वस्तु गोविन्दम तुभ्यमेव समर्पये”।

उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति ने कभी विचार नहीं किया कि हमारी संपत्ति होनी चाहिए, किंतु कार्य के सतत विस्तार और प्रशिक्षण के लिए स्थान की आवश्यकता होने के कारण इस भवन का निर्माण हुआ है। संपूर्ण देश में स्वयंसेवकों द्वारा समाज में विविध सेवा कार्य, आपदा एवं राहत कार्य चलाए जा रहे हैं, उसके लिए समय -समय पर प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इसलिए भवन में प्रशिक्षण कक्षों का निर्माण भी किया गया है।

हसबोले ने कहा कि भारतीयता, स्वदेशी हिन्दुत्व को लेकर संघ का आग्रह हमेशा रहा है, क्योंकि एक राष्ट्र खुद के स्वाभिमान को समझ कर आगे बढ़े। उसके बल पर ही देश विकसित होना चाहिए। देश के स्वाभिमान को यदि हम भूल गए तो देश नाश की तरफ जाएगा, इसलिए स्वतंत्रता आंदोलन करने वालों ने देश के मौलिक आधार पर ही जोर दिया, लेकिन स्वतंत्रता के बाद देश के स्वाभिमान पर आघात हुआ, इसका अनुभव हम करते हैं।

उन्होंने कहा कि वर्षों तक संघ ने बगैर कार्यालय के काम किया। अब जिला स्तर पर कार्यालय खुलने लगे हैं। यह विचार शुरू से रहा है कि संघ की कोई प्रापर्टी न हो। समाज का हर घर संघ का कार्यालय है, क्योंकि समाज ही संघ है। इंदौर का नया भवन भी समाज के कामों के लिए है। समाज में बदलाव के लिए जो प्रशिक्षण दिए जाने चाहिए। उसकी गतिविधियां इस भवन में संचालित होगी। इस कार्यालय का नाम पूजनीय सुदर्शनजी के नाम पर रखा गया है। सुदर्शन जी सदैव भारत के “स्व” को दृढ़ करने के लिए सम्पूर्ण समाज से आग्रह करते थे। कार्यालय के लोकार्पण का यह दिन सुदर्शन जी के उसी संकल्प और स्वप्न को पूर्ण करने के निश्चय का दिन है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में भवन निर्माण में लगे श्रम साधकों का सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, क्षेत्र संघचालक अशोक सोहनी, प्रांत संघचालक प्रकाश शास्त्री और मुकेश मोड़ ने शॉल- श्रीफल से सम्मान किया। डॉ हेडगेवार स्मारक समिति के अध्यक्ष ईश्वर दास हिंदुजा ने समिति के निर्माण, उसके प्रकल्प, इतिहास और नए कार्यालय “सुदर्शन” के निर्माण की भूमिका स्पष्ट की। कार्यक्रम का संचालन विनीत नवाथे ने किया। सभी विशेष आमंत्रित समाज जनों एवं स्वयंसेवकों के साथ दत्तात्रेय होसबाले ने नवनिर्मित भवन का अवलोकन किया। कार्यक्रम के अंत में डॉ. हेडगेवार स्मारक के सचिव राकेश यादव ने आभार व्यक्त किया।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/संजीव

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