मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं : अमित शाह

WhatsApp Channel Join Now
मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं : अमित शाह


मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं : अमित शाह


मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं : अमित शाह


- भोपाल में सहकारिता सम्मेलन में शामिल हुए केन्द्रीय मंत्री शाह, एनडीडीबी और मध्य प्रदेश सरकार के मध्य हुआ सहकार्यता अनुबंध भोपाल, 13 अप्रैल (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता के क्षेत्र में बहुत संभावनाएँ हैं। इन संभावनाओं के शत–प्रतिशत दोहन करने के लिए ढेर सारे काम करने की जरूरत है। वर्षों से सहकारिता आंदोलन मृतप्राय होता जा रहा था। कुछ राज्यों में ये आंदोलन गति पकड़ चुका है तो कुछ जगह संपूर्ण विनाश भी हुआ है। इसका मूल कारण था कि समय के साथ कानूनों में बदलाव होना चाहिए था वो नहीं हो पाया।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री शाह रविवार को भोपाल के रवीन्द्र भवन सभागार में आयोजित 'राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन' को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री शाह के मुख्य आतिथ्य और मुख्यमंत्री मोहन यादव यादव की उपस्थिति में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और मध्य प्रदेश सरकार (राज्य सहकारी दुग्ध संघ) के मध्य सहकार्यता अनुबंध किया गया। इस अवसर पर पैक्स के मध्य भी अनुबंध निष्पादित किए गए एवं पैक्स के माध्यम से हितग्राहियों को ऋण एवं किसानों को क्रेडिट कार्ड प्रदान किए गए।

केन्द्रीय मंत्री शाह ने सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर समग्रता की दृष्टि से हर राज्य की विभिन्न परिस्थितियों को एक स्थान पर रखकर केन्द्रीय स्तर पर सहकारिता के विकास में कोई विचार नहीं हुआ। इसका कारण था कि सहकारिता के क्षेत्र का कोई मंत्रालय ही देश में नहीं था। आजादी के 75 साल बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की और मुझे इस विभाग का मंत्री बनाया। साढ़े तीन साल के समय में मोदी जी ने खुद बहुत बारीकी से देखकर सहकारिता आंदोलन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया है। हम संविधान की मर्यादा में रहकर कार्य करने वाले लोग हैं। आज भी सहकारिता राज्यों का ही विषय है। केन्द्र सरकार का सहकारिता मंत्रालय राज्य सरकारों को इस आंदोलन में एक मंच पर लाने का कार्य कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आज भी सहकारिता राज्य का विषय है। भारत सरकार राज्य की सूची में कोई बदलाव नहीं कर सकती, लेकिन टैक्स को पुनर्जीवित करना, डेयरी क्षेत्र को बढ़ाना, उत्पादन के क्षेत्र में सहकारिता को ले जाना, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, जिला सहकारी बैंक और ग्रामीण बैंकों के सुचारु व्यवस्थापन का सारा काम कैसे होगा। सहकारिता मंत्रालय में सबसे पहले मॉडल बायलॉज बनाए और उसे सभी राज्य सरकारों को भेजे। कई पत्रकार अटकलें लगा रहे थे कि मॉडल बायलॉज राजनीति की भेंट चढ़ जाएगा। कई गैर भाजपा शासित राज्य बायलॉज स्वीकार नहीं करेंगे। मैं कहना चाहता हूं की संपूर्ण भारत में मॉडल बायलॉज को स्वीकार किया गया है। जब आपकी नीयत साफ हो और परिश्रम करने की भावना हो, तो परिणाम भी सकारात्मक आते हैं।

उन्होंने कहा कि प्राइमरी सोसाइटी को सशक्त करने वाले मॉडल बायलॉज को स्वीकार कर, राज्यों ने देश के सहकारिता क्षेत्र में नई जान फूंकने का कार्य किया है। इसलिए, मैं सभी राज्यों का धन्यवाद देता हूँ। मैं मध्य प्रदेश सरकार को बधाई देता हूँ कि उन्होंने पैक्स के कम्प्यूटरीकरण में पूरे भारत में सबसे पहले कार्य किया है। बीज की खेती पहले केवल बड़े किसान ही कर सकते थे, लेकिन हमने ढाई एकड़ की जोत वाले किसानों को भी बीज उत्पादन का अवसर प्रदान किया है। बीजों के संरक्षण और संवर्धन का कार्य 'बीज कॉपरेटिव' करेगी। इससे किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त होगा।

शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में साढ़े पाँच करोड़ लीटर, यानी देश के कुल दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत दुग्ध उत्पन्न होता है। जब किसान खुले बाजार में दुग्ध बेचने जाता है, तो उसका शोषण होता है। हमारा प्रयास है कि किसान सहकारी डेयरी के माध्यम से दुग्ध बेचें, ताकि उसका शुद्ध लाभ केवल किसानों को ही प्राप्त हो। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आज हुए अनुबंध के बाद मध्य प्रदेश के लगभग 50 प्रतिशत ग्रामों में सहकारी समितियों का निर्माण होगा, ताकि हमारे किसान भाई-बहनों और पशुपालकों को शीघ्र लाभ मिल सके। सहकारिता क्षेत्र में विस्तार के लिए मध्य प्रदेश के साथ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार चट्टान की तरह खड़ी है। इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव, सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद बीडी शर्मा, पशुपालन मंत्री लखन पटेल ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।------------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

Share this story

News Hub