संसदीय कार्यों के संचालन में भाषायी सुविधा पर समझौता ज्ञापन

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संसदीय कार्यों के संचालन में भाषायी सुविधा पर समझौता ज्ञापन


नई दिल्ली, 18 मार्च (हि.स.)। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला और केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की उपस्थिति में संसद एआई सोल्यूशन के लिए लोक सभा सचिवालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के बीच मंगलवार को एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। संसद भाषिणी का उद्देश्य संसद से जुड़े कार्यों के संचालन में विभिन्न भाषाओं की सुविधा प्रदान करने और इससे जुड़ी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित बनाने के लिए एक व्यापक इन हाउस एआई समाधान प्रदान करना है।

लोक सभा सचिवालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संसदीय डेटा के संग्रह की मदद से प्रोडक्टस/टूल्स विकसित करने के लिए समन्वय और सहयोग पर सहमति व्यक्त की है। संसद द्वारा प्रदान किए गए संसदीय डेटा और संसाधनों का उपयोग एआई प्रोडक्टस/टूल्स को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा। दूसरी ओर, भाषिणी से अनुवाद सुविधा और अन्य तकनीकी विशेषज्ञता उपलब्ध होगी।

इस अवसर पर उपस्थित केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला को इस पहल का समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया और आशा व्यक्त की कि यह पहल अत्याधुनिक एआई समाधानों के माध्यम से संसदीय प्रक्रियाओं में बदलाव लाएगी । उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘संसद भाषिणी’ से विभिन्न भाषाओं में जानकारी उपलब्ध होगी, विधायी प्रलेखन सुव्यवस्थित होगा और प्रौद्योगिकी-संचालित शासन में भारत की स्थिति मजबूत होगी ।

इस अवसर पर लोक सभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह उपस्थित थे। लोक सभा सचिवालय में संयुक्त सचिव गौरव गोयल ने लोक सभा सचिवालय की ओर से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

संसद भाषिणी के अंतर्गत प्रमुख एआई पहलें

1. एआई-आधारित अनुवाद

वाद-विवाद के ऐतिहासिक दस्तावेजों, एजेंडा फाइलों, समिति की बैठकों और अन्य संसदीय सामग्री का क्षेत्रीय भाषाओं में निर्बाध अनुवाद। सभी लोगों को विभिन्न भाषाओं में महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराना।

2. संसद की वेबसाइट के लिए AI-संचालित चैटबॉट

एक अत्याधुनिक इंटरैक्टिव चैटबॉट जिससे सदस्यों और अधिकारियों को प्रक्रिया संबंधी महत्वपूर्ण नियमों और दस्तावेजों खोजने में मदद मिलेगी । उपयोगकर्ता तत्काल, सटीक सूचना प्राप्त कर पाएंगे, जिससे महत्वपूर्ण संसदीय नियमों और पद्धतियों को खोजने में कम समय लगेगा।

उपयोगकर्ताओं द्वारा चैटबॉट का उपयोग किए जाने से इसकी क्षमता निरंतर बढ़ेगी और इसमें सुधार होगा तथा समय के साथ-साथ इसकी दक्षता में भी वृद्धि होगी ।

3. स्पीच-टू-टेक्स्ट रूपांतरण और साथ-साथ भाषांतरण

एक क्रांतिकारी प्रणाली जो रियल टाइम में ट्रांसक्रिप्शन के साथ सभा में होने वाले वाद-विवाद को टेक्स्ट में बदल देगी।

यह सुविधा भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगी, जिससे वाद-विवाद को आसानी से रिकॉर्ड, एक्सेस और संदर्भित किया जा सकेगा। इसमें बैकग्राउण्ड नोइज रिडक्शन, कस्टमाइजेबल शब्दावली और कुशल डाक्यूमेंटेशन टूल्स भी शामिल होंगे जिससे इसकी सटीकता बढ़ेगी।

4. रियल-टाइम ट्रांसक्रिप्शन के साथ स्पीच-टू-स्पीच रूपांतरण

इस पहल से रियल-टाइम में भाषण का रूपांतरण और अनुवाद होगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि चर्चाएँ और वाद-विवाद विभिन्न भाषाओं में तत्काल उपलब्ध हो। लंबी चर्चाओं का सारांश अपने-आप तैयार होने से त्वरित निर्णय लेने और बेहतर रिकॉर्ड रखने की सुविधा होगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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